Chandrayaan 3 News: इसरो ने गुरुवार को प्रोपल्शन माॅड्यूल को लैंडर-रोवर से अलग कर दिया। अब यहां से आगे की दूरी लैंडर अकेले ही तय करेगा। बता दें कि प्रोपल्शन माॅड्यूल चंद्रमा की कक्षा में 6 महीने रहकर धरती से आने वाली विकिरणों का अध्ययन करेगा। इसरो की मानें तो लैंडर-रोवर 23 अगस्त की शाम 5 बजकर 47 मिनट पर चंद्रमा की सरफेस पर उतरेगा। लैंडर-रोवर 14 दिन तक चंद्रमा पर पानी की खोज करेगा।
इसरो से मिली जानकारी के अनुसार अभी चंद्रयान चंद्रमा से 163 किमी. की दूरी पर है। इससे पहले वैज्ञानिकों ने 16 अगस्त को यान के थ्रस्टर से फायर किए थे जिससे यह चंद्रमा की गोलाकार कक्षा में पहुंच गया। आज इसरो के वैज्ञानिक जब प्रपल्शन को लैंडर-रोवर से अलग करेंगे तो उसकी गति को थोड़ा धीमा करेंगे। यहां से चंद्रमा की दूरी 30 किमी. रह जाएगी। इसरो यहीं पर 23 अगस्त को लैडिंग की कोशिश करेगा।
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डीबूस्टर की मदद से होगी यान की लैडिंग
लैंडर को लैंड कराने की यह प्रकिया काफी महत्वपूर्ण होगी जब चंद्रयान परिक्रमा करते हुए चंद्रमा की तरफ चलना शुरू होगा। यान को लैंडर के डीबूस्टर की मदद से सुरक्षित उतारने का प्रयास किया जाएगा। बता दें कि चंद्रयान-3 22 दिन के सफर के बाद 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था। उस समय इसकी स्पीड कम की गई थी। इसरो ने स्पीड कम करने क लिए यान के थ्रस्टर से फायर किए थे।
20 अगस्त के बाद चंद्रयान-3 का सबसे कठिन चरण शुरू होगा। यानि इसरो के लिए यह सबसे मुश्किल कार्य होगा। क्योंकि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 धीरे-धीरे चांद की सतह पर उतारा जाएगा।
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