दीपक द्विवेदी, नई दिल्ली: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने तीन व्यक्तियों की गिरफ्तारी के साथ देश के सबसे बड़े डार्कनेट आधारित लिसेर्जिक एसिड डायथाइलैमाइड (LSD) तस्करी सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। इसका नाम ‘जंबाडा कार्टेल’ है। ये तीन महीने में दूसरा सबसे बड़ा एनसीबी ऑपरेशन है। इसे दिल्ली-एनसीआर से चलाया जा रहा था। जानकारी के अनुसार, इनका मकसद भारत में सबसे बड़ा आउटलेट खोलना था। इसके लिए दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद के युवा इस कार्टेल के रिक्रूटमेंट के लिए पहली पसंद बने हुए थे।
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डार्कनेट पर भारत में प्रचलित एकमात्र ‘एलएसडी कार्टेल’
एनसीबी के मुताबिक ‘जम्बाडा कार्टेल’ डार्कनेट पर भारत में प्रचलित एकमात्र ‘एलएसडी कार्टेल’ है जिसे अवैध तस्करों और ग्राहकों द्वारा 5 स्टार रेटिंग दी गई है। इस सबसे बड़े कार्टेल का मकसद भारत में ऐसा आउटलेट खोलना था जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खरीद-फरोख्त को डार्कनेट के जरिए एजेंसी के नाकों के नीचे सप्लाई किया जा सके।
एक लाख एलएसडी न्यूनतम स्टॉक
आपको जानकर हैरानी होगी कि इन्होंने एक लाख एलएसडी को न्यूनतम स्टॉक रखा था। दिल्ली NCB की इसी कड़ी में बड़ी कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाया गया। जिसमें कुल 6 मामले दर्ज कर अब तक 22 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से 29,013 एलएसडी ब्लॉट्स, 472 ग्राम एमडीएमए पाउडर और 51.38 लाख रुपये की ड्रग मनी जब्त की गई है। ये अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
टेक्निकल नॉलेज रखने वाले युवाओं की भर्ती
LSD की तस्करी के लिए दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, बेंगलुरु के ऐसे छात्रों, युवाओं को सलेक्ट किया जाता था, जिनके पास टेक्निकल नॉलेज बेहतर हो। जिन युवाओं को सोशल मीडिया की जानकारी हो ऐसे लोगों को टारगेट किया जाता। डार्क नेट पर क्रिप्टोकरेंसी के जरिए खरीद-फरोख्त की जाती थी। लिसेर्जिक एसिड डायथाइलैमाइड (LSD) एक अवैध ड्रग है जो सफेद पाउडर या रंगहीन तरल के रूप में आता है।
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इनका काम करने के तरीका कुछ इस प्रकार था-
1. सोशल मीडिया साइटों के माध्यम से संपर्क करना।
2. डिलीवरी मोड- मुख्य रूप से नकली पते/ मोबाइल नंबरों पर कुरियर का भेजा जाना।
3. पेमेंट केवल क्रिप्टोकरेंसी और उनके रूपांतरण के माध्यम से लेना।
4. खरीदने और बेचने वालों के बीच फोन के माध्यम या आमने-सामने मिलकर कोई बातचीत नहीं की जाती।
बल्लभगढ़ का रहने वाला है मास्टरमाइंड
गौरतलब है कि एनसीबी ने तीन प्रमुख एलएसडी कार्टेल की पहचान की है, जिनका कारोबार देशभर में फैला हुआ था। इस कार्टेल के मास्टरमाइंड का बल्लभगढ़ (फरीदाबाद) में होने का पता चला। जिसके बाद इसके ठिकाने पर छापेमारी की गई तो 13,863 एलएसडी ब्लॉट्स, 428 ग्राम एमडीएमए और 26.73 लाख ड्रग मनी जब्त की गई। कहा जा रहा है कि इस कार्टेल में 21-25 साल के युवा लड़के शामिल हैं। जिन्हें पैसों की जरूरत होती, उन्हें ड्रग्स कार्टेल के धंधे में धकेल दिया जाता। यह लड़के OTT प्लेटफॉर्म पर वेब सीरीज देखकर इससे जल्दी प्रेरित हो जाते हैं। जिनमें ड्रग्स के धंधे, मुनाफे को बड़ा बनते हुए दिखाया जाता है।
इस्माइल-मार्लो जम्बाडा गार्सिया से प्रेरित नाम
इस कार्टेल का नाम ‘इस्माइल-मार्लो जम्बाडा गार्सिया’ से प्रेरित होकर रखा, जो एक मैक्सिकन ड्रग लॉर्ड है। वह मैक्सिको के 37 मोस्ट वांटेड ड्रग लॉर्ड्स की लिस्ट में अंतिम शेष भगोड़ा है। उस पर 15,000,000 अमरीकी डॉलर तक का इनाम है।
हैदराबाद पुलिस ने पिछले साल की थी कार्रवाई
हैदराबाद पुलिस ने सितंबर 2022 में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था और उस मामले में जम्बाडा कार्टेल का नाम सामने आया था। जम्बाडा कार्टेल ने इस घटना के बाद डार्कनेट पर घोषणा की थी कि वह सुरक्षित हैं और कभी नहीं पकड़ा जाएगा। वह Dr. Seuss अका डीएस और टीएस (Tribe Seuss) और गामा गोबलिन के नाम से एक डार्कनेट ऑपरेटर के साथ संपर्क में था, जो दुनिया भर में एलएसडी के सबसे बड़े स्रोत है।
Dr. Seuss का इंडिया आउटलेट खोलने का इरादा
जम्बाडा का इरादा Dr. Seuss का इंडिया आउटलेट खोलने का था, जिसमें उसे 1,00,000 एलएसडी ब्लॉट्स का न्यूनतम स्टॉक बनाए रखना था। Dr. Seuss (Tribe Seuss) के यूके, यूएसए, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, रूस, स्पेन, पुर्तगाल, ग्रीस और तुर्की में आउटलेट हैं। उन्होंने पहले से ही इस उद्देश्य के लिए लोगों की भर्ती शुरू कर दी थी। साथ ही पहले से ही लॉजिस्टिक्स और जगह की पहचान कर ली थी।
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में किया था जिक्र
गौरतलब है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पिछली मन की बात में ड्रग्स कार्टेल, नशा मुक्ति का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि किस तरह से युवाओं को सामाजिक सस्थानों, एजेंसी, पुलिस के द्वारा कड़ी कार्रवाई के बाद ड्रग्स की बड़ी खेप को जब्त कर नष्ट भी किया जा रहा।
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