दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इंडोनेशिया स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास को निर्देश दिया कि वह इंडोनेशिया की एक अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाए गए 3 भारतीय नागरिकों के लिए उचित कानूनी प्रतिनिधित्व और सहायता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए। अदालत ने वाणिज्य दूतावास को दोषी व्यक्तियों और भारत में उनके परिवारों के बीच बातचीत को सुविधाजनक बनाने में मदद करने का भी निर्देश दिया।
सजा पाए व्यक्तियों की पत्नियों ने दायर की थी याचिका
ये निर्देश मौत की सजा पाए तीन व्यक्तियों- राजू मुथुकुमारन (38), सेल्वादुरई दिनाकरन (34) और गोविंदसामी विमलकंधन (45) की पत्नियों द्वारा दायर याचिका के जवाब में दिए गए हैं। इन तीनों भारतीय नागिरकों को 25 अप्रैल, 2025 को तांजुंग बलाई करीमुन जिला अदालत ने मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई थी। इनकी पत्नियों का दावा है कि ये लोग गिरफ्तारी के समय इंडोनेशिया में एक शिपयार्ड में काम कर रहे थे। ये परिवार में एकमात्र कमाने वाले हैं और उनके पास अपील करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं।
कोर्ट ने MEA को दिए ये निर्देश
मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सचिन दत्ता ने विदेश मंत्रालय (एमईए) से कहा कि वह किसी भी प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन या द्विपक्षीय समझौते के तहत भारतीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए इंडोनेशियाई सरकार के साथ कूटनीतिक रूप से बातचीत करें। विदेश मंत्रालय के स्थायी वकील आशीष दीक्षित ने मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस स्वीकार कर लिया और आगे निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा है।
6 मई को होगी अगली सुनवाई
इंडोनेशिया में अपील दायर करने की सख्त समय-सीमा को देखते हुए याचिकाकर्ताओं ने अपरिवर्तनीय परिणामों को रोकने के लिए तत्काल कानूनी सहायता का अनुरोध किया है। हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 6 मई, 2025 तय की है।
क्रिस्टल मेथ की तस्करी करने का आरोप
मीडिया रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी सामने आई कि तीनों पर सिंगापुर के झंडे वाले जहाज से 106 किलोग्राम ‘क्रिस्टल मेथ’ की तस्करी करने का आरोप है। इंडोनेशियाई पुलिस के मुताबिक, सजा पाए लोगों को जुलाई 2024 में इंडोनेशिया के करीमुन जिले के पोंगकर जल क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। तीनों तमिलनाडु के निवासी हैं और सिंगापुर के शिपिंग उद्योग में कार्यरत थे। अधिकारियों के अनुसार, इंडोनेशियाई अधिकारियों ने गुप्त सूचना के आधार पर ‘लेजेंड एक्वेरियस कार्गो’ जहाज को रोका था। जांच के दौरान इस जहाज से भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद हुआ था।