Indian Students: जो भारतीय छात्र बेहतर भविष्य की तलाश में ऑस्ट्रेलिया जाते हैं, वे अब कड़ी निगरानी का सामना कर रहे हैं। पढ़ाई के साथ काम करके अपने खर्च निकालने वाले कई छात्रों पर नियम तोड़ने का आरोप लगा है। कुछ छात्रों के वीजा तक रद्द कर दिए गए हैं, जिससे पूरे भारतीय छात्र जो विदेश में पड़ रहे हैं उनकी चिंता बढ़ गई है। खासकर वे छात्र जो टैक्सी चलाने या डिलीवरी का काम कर रहे थे, अब परेशानी में पड़ सकते हैं। हाल ही में अधिकारियों ने कई व्यवसायों पर छापे मारे हैं और सख्ती बढ़ा दी है। इस बदलाव ने भारतीय छात्रों को सतर्क कर दिया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
भारतीय छात्रों पर कड़ी निगरानी
ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों पर अब कड़ी निगरानी रखी जा रही है। स्थानीय छात्र संगठनों के अनुसार, जो छात्र तय सीमा से अधिक समय तक काम कर रहे हैं, वे अब अधिकारियों के रडार पर आ गए हैं। नियमों के अनुसार, भारतीय छात्रों को हर दो हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा काम करने की अनुमति नहीं है। हाल ही में कई छात्रों के वीजा रद्द होने की खबरें सामने आई हैं। मेलबर्न और आसपास के क्षेत्रों में करीब 40 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया, जहां छात्र काम कर रहे थे। एक छात्र का वीजा रद्द होने का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे अन्य छात्रों में डर का माहौल बन गया। बताया जा रहा है कि उस छात्र को डिपोर्ट भी कर दिया गया।
नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई
अधिकारियों के अनुसार, कई छात्र टैक्सी चलाने या डिलीवरी बॉय का काम करने के दौरान 50 से 60 घंटे तक काम कर रहे हैं, जो नियमों के खिलाफ है। छात्रों का मानना है कि ग्रॉसरी स्टोर, पेट्रोल पंप जैसे स्थानों पर काम करना कर दायरे में आता है, जबकि टैक्सी या डिलीवरी का काम ऑस्ट्रेलियन बिजनेस नंबर (ABN) के तहत होता है, जिसे वे सेल्फ-एम्प्लॉयमेंट मानते हैं। इसी भ्रम के चलते कई छात्र अधिक समय तक काम कर रहे थे और अब उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस सख्ती के बाद कई छात्रों ने अस्थायी रूप से टैक्सी चलाना या डिलीवरी का काम बंद कर दिया है। हालांकि, छुट्टियों के दौरान काम के घंटों की कोई सीमा नहीं होती, लेकिन पढ़ाई के समय अधिक काम करने वाले छात्रों पर अब विशेष नजर रखी जा रही है।
भारतीय समुदाय की अपील
भारतीय समुदाय के कई संगठन छात्रों को जागरूक कर रहे हैं और उन्हें नियमों का पालन करने की सलाह दे रहे हैं। एडिलेड तेलंगाना एसोसिएशन के संस्थापक अधि रेड्डी ने कहा कि छात्रों को समझना चाहिए कि पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें काम करने के लिए पर्याप्त अवसर मिलेंगे। ग्रेजुएशन होने के बाद वे अस्थायी निवास वीजा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें चार साल तक कानूनी रूप से काम करने का मौका मिलेगा। इसलिए, पढ़ाई के दौरान नियमों का उल्लंघन करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे केवल 20 घंटे प्रति सप्ताह तक ही काम करें, ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो।