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Indian Railways: ट्रेन से सफर करने वाली महिलाओं को लोअर बर्थ के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। महिलाओं को कई बार अपनी सीट बदलने के लिए दूसरे यात्रियों से सीट बदलनी पड़ती है। इसके लिए आपको ट्रेन में महिलाओं को मिलने वाले कोटा के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

Author Edited By : Shabnaz Updated: Mar 9, 2025 15:22
Indian Railways

Indian Railways: भारत में ट्रेन में रोज लाखों यात्री सफर करते हैं। रेल मंत्रालय ने यात्रा को आसान बनाने के लिए कई नियम भी बनाए हैं। जिसमें महिलाओं को दिया जाने वाला कोटा भी शामिल है। कई ट्रेनों के हर एक कोच में सीनियर सिटिजन के अलावा 45 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं के लिए भी कोटा दिया गया है। इसके अलावा, गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेन में थर्ड AC क्लास में 6 बर्थ का कोटा महिलाओं को दिया जाता है, जिसमें कोई उम्र सीमा नहीं होती। जानिए रेलवे का यह नियम क्या है और किन ट्रेनों में कितना कोटा मिलता है?

कितनी रिजर्व सीट?

रेलवे ने जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीनियर सिटिजन के अलावा 45 साल या उससे अधिक उम्र की महिला यात्रियों के लिए भी कोटा दिया है। वहीं, ट्रेन में सफर करने वाली गर्भवती महिलाओं (जिनके पास डॉक्टर का सर्टिफिकेट हो ) उनके लिए भी कोटा रखा है। जो स्लीपर क्लास के हर एक कोच में 7 लोअर बर्थ और थर्ड AC और सेकंड AC के हर कोच में 4 लोअर बर्थ के तौर पर दिया गया है। इसके अलावा, राजधानी, दुरंतो या एसी एक्सप्रेस ट्रेनों में यह कोटा सेकंड एसी में 4 सीटों और थर्ड एसी में 5 सीटों का होता है। जो महिलाएं अकेले सफर कर रही हों, या 12 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ यात्रा कर रही हैं, वे इस कोटे के तहत सीट बुक करा सकती हैं।

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समूह में यात्रा के लिए कोटा

दूसरी ट्रेनों के मुकाबले गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेन में कोटा अलग है। इसमें थर्ड एसी क्लास में 6 बर्थ का कोटा महिलाओं के लिए होता है। इसकी खास बात यह कि इसमें कोई उम्र सीमा नहीं होती है। इस कोटे का इस्तेमाल वही महिलाएं कर सकती हैं, जो अकेले या महिलाओं के समूह के साथ सफर कर रही हों। इस कोटे के तहत ऑनलाइन टिकट बुकिंग की जा सकती है।

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कैसे तय होता है कोटा?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेल मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि पहला आरक्षण चार्ट तैयार होने तक केवल अकेली महिलाएं या महिलाओं के समूह के लिए इसको रिजर्व किया जाता है। इसके बाद इन सीटों को महिला वेटिंग पैसेंजर को अलॉट किया जाता है। इससे जो सीटें बचती हैं, उनको सीनियर सिटीजन को दिया जाता है।

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Shabnaz

First published on: Mar 09, 2025 03:22 PM

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