INS Vagir: भारतीय नौसेना ने सोमवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार की मौजूदगी में मुंबई में नौसैनिक डॉकयार्ड में पांचवीं कलवारी श्रेणी की पनडुब्बी वागीर को शामिल किया। नई सबमरीन को कई परीक्षणों से गुजारा गया है। एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि वागीर एक दुर्जेय हथियार पैकेज वाला एक घातक सबमरीन है।
Maharashtra | The fifth Submarine of Project 75 Kalvari class, Vagir all set to be commissioned shortly into the Indian Navy in the presence of Adm R Hari Kumar CNS at the Naval Dockyard Mumbai. pic.twitter.com/oau0POjwX9
— ANI (@ANI) January 23, 2023
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प्रोजेक्ट P-75 के तहत किया गया है निर्माण
इसे प्रोजेक्ट P-75 के तहत बनाया गया है। 350 मीटर की गहराई तक में तैनात की जा सकने वाली INS वागीर समुंदर में बारूदी सुरंग बिछाने में माहिर है। इसमें एंटी शिप मिसाइलों को भी लगाया गया है। इसकी एक खासियत ये भी है कि स्टेल्थ टेकनिक की वजह दुश्मन इसका आसानी से पता भी नहीं लगा सकेंगे। ये दुश्मन के रडार में नहीं आएगी।
Vagir is a lethal platform with a formidable weapon package. Vagir is the 3rd submarine inducted into Navy in a span of 24 months. It is also a shining testimony to expertise of our shipyards to construct complex & complicated platforms: Admiral R Hari Kumar, Chief of Naval Staff pic.twitter.com/I29AOCv9dO
— ANI (@ANI) January 23, 2023
ये है आईएनएस वागीर की खासियत
जानकारी के मुताबिक, इस सबमरीन (INS Vagir) में ऑक्सीजन बनाने की भी पूरी क्षमता है जिसकी वजह से ये लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकती है। इस सबमरीन की लंबाई 221 फीट है जबकि ऊंचाई 40 और ड्राफ्ट 19 फीट है। समुंद्री लहरों पर इसकी स्पीड प्रतिघंटा 20 किलोमीटर है जबकि पानी के अंदर इसकी रफ्तार 37 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
बता दें कि मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) मुंबई की ओर से नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से कलवारी श्रेणी की पनडुब्बियों का निर्माण भारत में किया जा रहा है।
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वागीर का रहा है गौरवशाली इतिहास
वागीर का एक गौरवशाली इतिहास रहा है क्योंकि इसी नाम की पनडुब्बी को नवंबर 1973 में कमीशन किया गया था और इसने कई मिशन को पूरा किया था। लगभग तीन दशकों तक देश की सेवा करने के बाद जनवरी 2001 में इसे सेवामुक्त कर दिया गया था। वागीर को अपने नए अवतार में आज तक की सभी स्वदेशी निर्मित पनडुब्बियों में सबसे कम निर्माण समय होने का गौरव प्राप्त है।
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