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Constitution Day 2023: देश में आज मनाया जा रहा संविधान दिवस, जानें क्या हैं नागरिकों के मौलिक अधिकार और कर्तव्य

Constitution Day 2023: भारत का संविधान कई सिद्धांतों को समेटे हुए है, जिनके आधार पर देश की सरकार और नागरिकों के लिए मौलिक, राजनीतिक सिद्धांत, प्रक्रियाएं, अधिकार, दिशा-निर्देश, कानून तय किए गए हैं।

Edited By : Shailendra Pandey | Updated: Nov 26, 2023 11:59
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Constitution Day 2023: भारत में 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपने संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष इस दिन संविधान दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष इस ऐतिहासिक घटना की 74वीं वर्षगांठ है, जिसने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की नींव रखी। संविधान दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत साल 2015 से की गई।

दरअसल, भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए संविधान दिवस को मनाने का फैसला लिया गया। भारत का संविधान कई सिद्धांतों को समेटे हुए है, जिनके आधार पर देश की सरकार और नागरिकों के लिए मौलिक, राजनीतिक सिद्धांत, प्रक्रियाएं, अधिकार, दिशा-निर्देश, कानून तय किए गए हैं।

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26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकार किए जाने के बाद देश में इसे लागू करने में कुछ महीने का समय लगा। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान पूरी तरह से लागू कर दिया गया। इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

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वहीं, भारत का संविधान अपने नागरिकों को 7 मौलिक अधिकार प्रदान करता है। ये अधिकार व्यक्तियों के बौद्धिक, नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए अतिमहत्वपूर्ण हैं। चाहे उनकी जाति, जन्मस्थान, धर्म, जाति या लिंग कुछ भी हो, सभी नागरिकों को ये अधिकार प्राप्त हैं। मौलिक अधिकारों के अलावा भारत के नागरिकों के देश के प्रति कुछ नैतिक दायित्व भी हैं। इन्हें मौलिक कर्तव्य कहा जाता है। आइए जानते हैं नागरिकों के मौलिक अधिकारों और उनके कर्तव्यों के बारे में।

नागरिकों के मौलिक अधिकार

1. समानता का अधिकार- राज्य भारत के क्षेत्र के अंदर किसी भी व्यक्ति को कानून के समक्ष समानता या कानूनों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा।

2. स्वतंत्रता का अधिकार- भाषण की स्वतंत्रता, भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक और बिना हथियारों के इकट्ठा होने की स्वतंत्रता, संघ या संघ या सहकारी समितियां बनाने की स्वतंत्रता, भारत के पूरे क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से घूमने, निवास करने और रहने के संबंध में कुछ अधिकारों का संरक्षण। भारत के क्षेत्र के किसी भी भाग में बसना, और कोई भी पेशा अपनाना या कोई व्यवसाय, व्यापार या व्यवसाय करना।

3. शोषण के विरुद्ध अधिकार- मानव तस्करी और भिखारियों और अन्य समान प्रकार के जबरन श्रम पर रोक है और इस प्रावधान का कोई भी उल्लंघन कानून के अनुसार दंडनीय अपराध होगा।

4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार- सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता, स्वास्थ्य और अन्य प्रावधानों के अधीन, सभी व्यक्तियों को समान रूप से अंतरात्मा की स्वतंत्रता और स्वतंत्र रूप से धर्म को मानने, प्रचार करने का अधिकार है।

5. जीवन का अधिकार- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के तहत अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में सुरक्षा की गारंटी दी गई है। संविधान के अनुच्छेद 20 के अनुसार, किसी को भी अपराध के समय देश के कानून द्वारा निर्धारित सजा से अधिक सजा नहीं दी जा सकती है।

6. सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार- भारत के क्षेत्र या उसके किसी भी हिस्से में रहने वाले नागरिकों के किसी भी वर्ग के पास एक विशिष्ट भाषा, लिपि या संस्कृति है, उसे इसे संरक्षित करने का अधिकार होगा।

7. निजता का अधिकार- यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनिश्चित किया गया नवीनतम अधिकार है। यह लोगों के डेटा और व्यक्तिगत सुरक्षा की गारंटी देता है।

नागरिकों के मौलिक कर्तव्य

1. नागरिकों द्वारा संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों और संस्थानों, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना।
2. उन महान आदर्शों को संभालकर रखना और उनका पालन करना, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय संघर्ष को प्रेरित किया।
3. देश की संप्रभुता, अखंडता और एकता को बनाए रखना और उसकी रक्षा करना।
4. देश की रक्षा करना और आह्वान किए जाने पर राष्ट्रीय सेवा के लिए तत्पर रहना।
5. धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय या अनुभागीय विविधताओं से परे, भारत के सभी नागरिकों बीच सद्भाव और समान भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना।
6. महिलाओं की गरिमा के विरुद्ध अपमानजनक प्रथाओं का त्याग करना।
7. हमारी समग्र संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्व देना और उसे संरक्षित करना।
8. वनों, झीलों, वन्य जीवन सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करना तथा जीवित प्राणियों के प्रति दया रखना।
9. वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद तथा जिज्ञासा एवं सुधार की भावना का विकास करना।
10. देश की सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना और हिंसा का त्याग करना।
11. व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधि के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता की दिशा में प्रयास करना ताकि राष्ट्र लगातार प्रयास और उपलब्धि के उच्च स्तर तक पहुंच सके।
12. माता-पिता या अभिभावकों को अपने बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करने चाहिए।

बता दें कि 19 नवंबर, 2015 को भारत सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित करने के लिए एक गजट अधिसूचना जारी की थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने 25 अक्टूबर 2015 को इसकी घोषणा की, जब उन्होंने मुंबई में बी.आर. अंबेडकर की स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी स्मारक का उद्घाटन किया था।

 

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Edited By

Shailendra Pandey

First published on: Nov 26, 2023 11:57 AM

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