पवन मिश्रा, नई दिल्ली: चाणक्य के कुशल कूटनीति और उनके रक्षा मामलों में सटीक फैसले का इस्तेमाल अब इंडियन आर्मी करेगी। इंडियन आर्मी ने इसके लिए ‘चाणक्य रक्षा संवाद’ नाम से टॉक सीरीज की शुरुआत आज से की है। सेना इस कार्यक्रम के संचालन के लिए प्रमुख थिंक टैंक, सेंटर फॉर लैंड एंड वारफेयर स्टडीज के साथ मिलकर काम कर रही है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जापान और अमेरिका शामिल है।
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हमारी सेना कई सिक्युरिटी से निपटने के लिए तैयार
इस कड़ी में आज आर्मी चीफ ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हम दुनिया में अभूतपूर्व बदलाव देख रहे हैं। हम वैश्विक मामलों में राष्ट्रीय हित की केंद्रीयता भी देख रहे हैं। आर्मी चीफ ने रुस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का हवाला देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय मामलों में नेशनल सिक्युरिटी का वैल्यू लगातार बढ़ता जा रहा है। आर्मी चीफ ने कहा कि आज हमारी सेना कई सिक्युरिटी से निपटने के लिए तैयार बैठी है।
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रूस-यूक्रेन की लड़ाई एक सबक
इस मौके पर चीन और पाकिस्तान की सीमा की चर्चा करते हुए सेना प्रमुख ने कहा की स्थिति स्थिर बनी हुई है, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे लिए चुनौतियां भी होंगी और अवसर भी होंगे, रूस-यूक्रेन की लड़ाई एक सबक है कि हम आर्म्स के इंपोर्ट पर निर्भर नहीं रह सकते हैं, सेना का ध्यान सुरक्षा बल के पुनर्गठन, प्रौद्योगिक समावेशन, मौजूदा संरचनाओं में सुधार, संयुक्तता और मानव संसाधन प्रबंधन पर है। हम सेना में आधुनिक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर खास ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि 40,000 अग्निवीरों का पहला बैच सेना में शामिल हो चुका है, जिसके बाद सेना की ताकत में इजाफा हुआ है।