Martyr Brijesh Thapa Emotional Story: मेरा भाई मुझे हमेशा के लिए छोड़कर चला गया। अब राखी किसे बांधूगी, अभी तो उसके सिर पर सेहरा बांधना था। मां लड़की देख रही थी, लेकिन एक झटके में सारे सपने टूट गए। कहते हुए फूट-फूट कर रोने लगी, जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए 27 वर्षीय कैप्टन बृजेश थापा की बहन, जो भाई की शहादत की खबर सुनकर पूरी तरह टूट गई।
बृजेश थापा की मां नीलिमा थापा भी बदहवासी की हालत में हैं, लेकिन वे कहती हैं कि बहादुर जवान की मां हूं। बेटा देश के लिए शहीद हुआ है, गर्व महसूस हो रहा है, लेकिन वह अब मेरे पास लौट कर कभी नहीं आएगा। वहीं बृजेश के पिता कर्नल भुवनेश के थापा (सेवानिवृत्त) कहते हैं कि बृजेश बचपन से आर्मी जॉइन करना चाहता था। मेरी वर्दी पहनता था तो सीना गर्व से चौड़ा हो जाता था। देश के लिए बलिदान देकर बृजेश ने सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। ऐसे बहादुर बेटे को सैल्यूट करके अंतिम विदाई दूंगा। उसकी मां-बहन और पिता तीनों को उस पर गर्व है।
#WATCH | Siliguri, West Bengal: Nilima Thapa, mother of Captain Brijesh Thapa, who lost his life in an encounter in J&K’s Doda says, “…He was very decent. He always wanted to join the Indian Army…I feel very proud that he sacrificed his life for the nation…The government… pic.twitter.com/YO6X8rLBPp
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) July 16, 2024
14 जुलाई को हुई थी मां से आखिरी बात
बृजेश की मां नीलिमा थापा कहती हैं कि उसके पिता रिटायर्ड कर्नल भुवनेश ने उससे शादी करने के बारे में बात की थी और उसे बताया था कि वह उसके लिए लड़की देख रहे हैं। बहन राखी पर उसे बुला रही थी, लेकिन उसने कहा कि अभी मार्च में आया था, शायद छुट्टी न मिले। तुम राखी पोस्ट कर दो। परिवार ने सिलीगुड़ी या दार्जिलिंग में घर लेना था।
बृजेश से आखिरी बार 14 जुलाई को फोन पर बात हुई थी, लेकिन यह सोचा नहीं था कि इसके बाद उसकी आवाज नहीं सुन पाएंगे। वह कभी हमारे पास नहीं आएगा। बृजेश ने बताया था कि उसे एक ऑपरेशन पर जाना है, इसलिए उसे अपना ध्यान रखने को भी कहा था। अगली रात को करीब साढ़े 10 बजे उसकी शहादत की खबर आ गई। परिवार टूट गया है, इकलौता बेटा था बृजेश, लेकिन सेना जॉइन करते ही परिवार ने उसे देश को समर्पित कर दिया था।
A happy family of
MAJOR BRIJESH THAPA
10 RR 145 LT ADshattered forever..#FreedomisnotFree THAPA family paid the #CostofWar. pic.twitter.com/MRsUi95WyZ
— Vikas Manhas (@37VManhas) July 16, 2024
इंजीनियरिंग छोड़कर बृजेश ने जॉइन की थी सेना
बृजेश के पिता रिटायर्ड कर्नल भुवनेश बताते हैं कि बृजेश 27 वर्ष का था और अविवाहित था। आर्मी डे के दिन 15 जनवरी को पंजाब के जालंधर में जन्म हुआ था। मुंबई के सैनिक स्कूल में पढ़ा। मुंबई के ही कॉलेज से बीटेक की। लाखों का पैकेज ऑफर हुआ था, लेकिन उसने सेना में जाने का विकल्प चुना। 2019 में पहले अटेम्पट में ही आर्मी भर्ती परीक्षा पास की थी। शॉर्ट सर्विस कमीशन के जरिए भारतीय सेना में शामिल हुआ। बृजेश सेना की 145 वायु रक्षा रेजिमेंट से था।
10वीं राष्ट्रीय राइफल्स में डेप्यूटेशन पर था। मार्च महीने में छुट्टी पर घर आया था। आखिरी बार मार्च में ही देखा था।बृजेश काफी बुद्धिमान, अनुशासित और आज्ञाकारी लड़का था। उसे जो दिया जाता था, वह उसी में खुश हो जाता था। उसे गिटार और ड्रम बजाना बहुत पसंद था। उसने कभी कोई शिकायत नहीं की। जब पता चला कि वह दुनिया में नहीं रहा तो एक बार यकीन ही नहीं हुआ। हालांकि मुझे दुख है, लेकिन अपने बेटे पर गर्व है कि उसने भारत माता के लिए अपनी जान दे दी।
My son always wanted to be in the Indian Army. I’m proud of his sacrifice for the nation : Father of Brijesh Tahapa, Colonel Bhuwanesh Thapa (Retd.)
🙏🏻🙏🏻#IndianArmy pic.twitter.com/B6VuJ7tsqQ
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) July 16, 2024