उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर 2025 के दौरान भारत का कुल वस्तु निर्यात 254.25 अरब डॉलर रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 252.66 अरब डॉलर था. इससे स्पष्ट है कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत का निर्यात स्थिर बना हुआ है.
अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी के मद्देनजर सरकार ने निर्यातकों को राहत देने के लिए बहु-आयामी रणनीति अपनाने की जानकारी दी. इसमें भारत अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए संवाद, रिजर्व बैंक द्वारा व्यापार राहत उपाय, निर्यातकों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना और निर्यात संवर्धन मिशन जैसे कदम शामिल हैं.
सरकार के अनुसार, 2025–26 से 2030–31 तक 25,060 करोड़ रुपये के परिव्यय वाला ‘निर्यात संवर्धन मिशन’ वस्त्र, चमड़ा, रत्न एवं आभूषण जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को विशेष प्राथमिकता देगा, ताकि निर्यात को बनाए रखा जा सके और रोजगार की सुरक्षा हो सके.
मंत्रालय ने यह भी बताया कि सरकार मुक्त व्यापार समझौतों के बेहतर उपयोग और नए देशों के साथ एफटीए के जरिए निर्यात विविधीकरण और व्यापार संबंधों की मजबूती पर काम कर रही है.










