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भारत की बढ़ी ताकत, शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल Prithvi-II और Agni-I का किया सफल परीक्षण, जानें इनकी खासियत

India short Range Ballistic Missiles: भारत ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें पृथ्वी-II और अग्नि-I का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। दोनों ही बैलिस्टिक मिसाइलें सभी परिचालन और तकनीकी मानकों पर खरी उतरी हैं। रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी दी है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Jul 17, 2025 22:28
Ballistic Missiles of India, Short-Range Ballistic Missiles, Prithvi-II and Agni-I
भारत ने पृथ्वी-2 और अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइलों का किया सफल परीक्षण। फोटो क्रेडिट X @OsiOsint1

भारत ने सुरक्षा के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार (17 जुलाई) को स्वदेशी रूप से विकसित दो शक्तिशाली कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों पृथ्वी-2 और अग्नि-1 का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया। दोनों ही बैलिस्टिक मिसाइलें सभी परिचालन और तकनीकी मानकों पर खरी उतरी हैं। रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी दी है। ये परीक्षण सामरिक बल कमान (Strategic Forces Command) के तत्वावधान में किए गए। इससे पहले बुधवार को लद्दाख में भारत ने आकाश एयर डिफेंस सिस्टम के एडवांस वर्जन आकाश प्राइम का सफल परीक्षण किया था।

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, सामरिक बल कमान के तत्वावधान में किए गए इस सफल परीक्षण ने सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। जानकारी के अनुसार, अग्नि-1 मिसाइल का परीक्षण पहले अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया, जबकि कुछ समय बाद पृथ्वी-2 मिसाइल को चांदीपुर स्थित आईटीआर के लॉन्च पैड नंबर-3 से दागा गया।

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क्या है बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 की खासियत?

पृथ्वी-2 मध्यम दूरी की स्वदेशी तकनीकी से विकसित किया गया बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी लंबाई करीब 9 मीटर तक होती है। पृथ्वी-2 मिसाइल की मारक क्षमता 350 किलोमीटर है। यह 500 से 1,000 किलो भार तक के हथियारों को लेकर जाने में सक्षम है। साथ ही यह सतह से सतह पर 350 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। इस मिसाइल में लिक्विड फ्यूल वाले दो इंजन लगाए गए हैं। इसे लिक्विड और ठोस दोनों तरह के ईंधन से संचालित किया जा सकता है। मिसाइल में एडवांस गाइडेंस सिस्टम लगा है, जिससे यह अपने लक्ष्य को आसानी से मार गिरा सकता है। पृथ्वी-II मिसाइल को डीआरडीओ ने एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत विकसित किया है।

पृथ्वी-II मिसाइल में हाई एक्सप्लोसिव, पेनेट्रेशन, क्लस्टर म्यूनिशन, फ्रेगमेंटेशन, थर्मोबेरिक, केमिकल वेपन और टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन लगाया जा सकता हैं। ये मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और उन्नत जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम (inertial navigation system) से लैस है, जो इसे उच्च सटीकता के साथ लक्ष्य भेदने में सक्षम बनाता है। पृथ्वी-II को 2003 में भारत के स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड में शामिल किया गया था।

क्या हैं अग्नि-1 मिसाइल की खासियत?

अग्नि-1 भी एक कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे भी डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 700-900 किलोमीटर तक की है। इस मिसाइल का भार 12 टन है और यह 1,000 किलो के परमाणु हथियार को अपने साथ ले जा सकती है। यह सिंगल स्टेज मिसाइल है और इसमें ठोस फ्यूल का उपयोग किया जाता है। अग्नि 1 मिसाइल को उन्नत सिस्टम प्रयोगशाला ने DRDO और रिसर्च सेंटर इमरात (Research Centre Imarat (RCI)) के साथ मिलकर विकसित किया है। इस मिसाइल को हैदराबाद स्थित भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने पूरा किया है।

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First published on: Jul 17, 2025 09:56 PM

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