TMC and SP refrained from joining Congress: संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से ही अडानी मुद्दे को लेकर हंगामा मचा हुआ है। विपक्ष लगातार अडानी का नाम लेकर सत्तापक्ष को घेरने की कोशिश कर रहा है। हालांकि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही इस मुद्दे पर इंडिया गठबंधन का साथ देने से इनकार कर दिया था। वहीं अब इस लिस्ट में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) का नाम भी शामिल हो चुका है।
TMC और सपा ने किया किनारा
मंगलवाल को इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने अडानी मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। ऐसे में कांग्रेस समेत शिवसेना (यूबीटी), आरजेडी, आम आदमी पार्टी, द्रमुक और वाम दलों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए। मगर TMC और सपा इस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं बने।
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विपक्ष का विरोध प्रदर्शन
इंडिया गठबंधन के विरोध प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, आप नेता संजय सिंह, आरजेडी नेता मीसा भारती, शिव सेना (यूबीटी) के नेता अरविंद सावंत शामिल थे। विपक्षी दलों ने मिलकर सदन से वॉकआउट भी कर लिया। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के नेता कहीं नजर नहीं आए।
TMC ने बताई वजह
TMC का कहना है कि संसद सत्र में बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। मगर इंडिया गठबंधन इन मुद्दों को उठाने की बजाए बेकार की चीजों पर फोकस कर रहा है। यही वजह है कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने आवास पर इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाई थी, लेकिन इस बैठक में ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं।
अखिलेश ने संभल पर किया फोकस
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी बीते दिन संभल के मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा। अखिलेश ने संभल हिंसा को लेकर यूपी सरकार पर कई बड़े आरोप लगाए। मगर इस दौरान अखिलेश ने अडानी मामले का जिक्र तक नहीं किया। इससे साफ है कि अखिलेश यूपी सरकार को घेरने के मूड में हैं और वो अडानी विवाद से दूर रहना चाहते हैं।
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