22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले 26 मृतकों का बदला लेने को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया। 6 मई की रात को एयर स्ट्राइक करके पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। भारत की एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान बौखला गया और LOC पर सीजफायर वॉयलेशन करके गोले-मोर्टार दागे और फायरिंग की। बॉर्डर से सटे पंजाब, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, गुजरात में 4 दिन ड्रोन, मिसाइल और रॉकेट अटैक करके भारत के एयरबेस और सैन्य ठिकानों को टारगेट किया।
अचानक 10 की शाम को भारत पाकिस्तान में सीजफायर हो गया, लेकिन 3 घंटे बाद ही पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन कर दिया। आतंकी हमला, एयर स्ट्राइक, बमबारी, अचानक संघर्ष विराम और फिर अचानक संघर्ष विराम का उल्लंघन, आखिर पाकिस्तान क्या चाहता है? कई देश भारत पाक के तनाव को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन समाधान की राह नहीं मिल रही। आइए भारत पाकिस्तान में सीजफायर के अंदर की कहानी जानते हैं…
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1. सरकारी सूत्रों के अनुसार, 10 मई की सुबह भारतीय वायु सेना के विमानों ने पाकिस्तान वायु सेना के ठिकानों को निशाना बनाया। ब्रह्मोस-ए क्रूज मिसाइलें दागीं। सबसे पहले हमले रावलपिंडी के पास चकलाला और पंजाब प्रांत के सरगोधा में हुए। दोनों एयरबेस में पाकिस्तान सेना के लिए विमान और लॉजिस्टिक्स स्टॉक होते हैं। शाम को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जैकोबाबाद, भोलारी और स्कार्दू पर हमलों की पुष्टि हुई।
2. पाकिस्तान पर हमलों के तुरंत बाद भारतीय खुफिया एजेंसियों को पता चला कि पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को हाई अलर्ट मोड में रखा गया है और चेतावनी दी गई कि भारत अगला निशाना पाकिस्तान के परमाणु हथियारों और कंट्रोल स्ट्रक्चर को निशाना बना सकता है। इसलिए रावलपिंडी में सुरक्षा प्रोटोकॉल बढ़ा दिए गए हैं।
3. परमाणु हथियारों को टारगेट पर देखकर पाकिस्तान ने मामले में हस्तक्षेप के लिए तत्काल अमेरिका से संपर्क किया। सरकारी सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी अधिकारी युद्ध छिड़ने की बढ़ती आशंका से पहले से ही दोनों देशों के संपर्क में थे, लेकिन विवाद में परमाणु हथियारों की एंट्री के चलते अमेरिका को निर्णायक कदम उठाना पड़ा।
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4. अमेरिका ने तटस्थ रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को सख्त अंदाज में कहा कि बिना किसी देरी के भारत के साथ तनाव कम करें। किसी भी तरह की देरी से बचने का आदेश भी दिया। दोपहर तक भारत ने पाकिस्तान के कई आक्रामक हमलों को नाकाम कर दिया गया।
5. दोपहर बाद पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने अपने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को फोन कॉल किया। दोनों की बात होने के बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस ब्रीफिंग में भारत पाकिस्तान में संघर्ष विराम होने की पुष्टि की।
6. भारत ने पाकिस्तान के साथ किसी भी औपचारिक या सैन्य वार्ता में शामिल नहीं होने का रुख अपनाए रखा। अंतरराष्ट्रीय दबाव होने के बावजूद भारत मध्यस्थता में शामिल नहीं हुआ और संकेत दिया कि भारतीय सशस्त्र बल अगला दांव चलने के लिए तैयार हैं, जिसमें कथित तौर पर एनर्जी और इकोनॉमिक टारगेट, सैन्य ठिकाने निशाने पर रहेंगे।
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7. भारत ने एक और बात स्पष्ट की कि संघर्ष विराम हुआ, लेकिन 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद सस्पेंड की गई सिंधु जल संधि सस्पेंड ही रहेगी, निलंबन वापस नहीं लिया जाएगा।