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भारत ने पानी से तोड़ दी पाकिस्तान की कमर, चिनाब के बाद क्या अब झेलम से बरपेगा कहर?

भारत ने अब पानी को भी अपना हथियार बना लिया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने चिनाब नदी का बहाव रोककर पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। यह कदम सिंधु जल संधि के भविष्य पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है और भारत की रणनीति में नए मोड़ का संकेत देता है।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 5, 2025 17:35
Baglihar Dam gates closed
Baglihar Dam gates closed

पंकज शर्मा

भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों पुरानी सिंधु जल संधि अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। जम्मू-कश्मीर की चिनाब नदी, जो पाकिस्तान की ओर बहती है, अब लगभग सूखती नजर आ रही है। इसकी वजह है बगलिहार और सालाल डैम के गेट्स को अचानक बंद किया जाना। पहले यह नदी तेज बहती थी लेकिन अब इसमें सिर्फ दो फीट पानी बचा है। भारत ने यह कड़ा कदम हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया है, जिसमें कई बेगुनाहों की जान गई थी। अब यह साफ हो गया है कि भारत पानी को भी हथियार बना रहा है।

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बगलिहार और सालाल डैम के गेट्स बंद

जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में स्थित बगलिहार डैम और जम्मू के रियासी जिले में स्थित सालाल डैम के गेट्स को बंद कर दिया गया है। इसके कारण चिनाब नदी का बहाव पाकिस्तान की तरफ काफी कम हो गया है। यह नदी पाकिस्तान की तरफ बहती है और उसकी खेती और पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब भारत ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ 1960 में हुए सिंधु जल समझौते (Indus Waters Treaty – IWT) को निलंबित कर दिया है। इस समझौते के तहत चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों का पानी पाकिस्तान को दिया जाता रहा है।

मई में ही पानी रोकने का फैसला

स्थानीय लोगों के अनुसार, पहले चिनाब नदी का जलस्तर 25 से 30 फीट तक हुआ करता था, लेकिन अब यह घटकर मात्र 1.5 से 2 फीट रह गया है। बगलिहार डैम ऊपर की ओर और सालाल डैम नीचे की ओर स्थित हैं और दोनों के गेट्स को बंद करने से नदी का बहाव लगभग बंद हो गया है। भारत को IWT के नियमों के तहत हर साल अगस्त से ऐसे गेट्स बंद करने का अधिकार होता है, लेकिन इस बार यह कदम मई में ही उठा लिया गया है। इससे यह संकेत मिलता है कि भारत अब इस समझौते को समाप्त करने की दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रहा है।

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पाकिस्तान की खेती पर क्या पड़ेगा असर

प्रधानमंत्री मोदी के फैसले को लेकर स्थानीय लोगों ने एकजुटता दिखाई है। रियासी के निवासी कल्याण सिंह ने कहा, “हम नहीं चाहते कि पाकिस्तान को एक बूंद भी पानी मिले। हम सेना और प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े हैं।” इस कदम से पाकिस्तान की खेती पर बड़ा असर पड़ सकता है। खासकर पंजाब और सिंध क्षेत्र में पानी की कमी से फसलें सूख सकती हैं और पर्यावरण पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

किशनगंगा डैम पर अगला कदम

PTI की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब झेलम नदी पर स्थित किशनगंगा डैम पर भी इसी तरह की कार्रवाई करने की योजना बना रहा है। यह डैम पहले भी अंतरराष्ट्रीय विवादों में रहा है, खासकर पाकिस्तान के नीलम नदी पर इसके प्रभाव को लेकर। सिंधु जल संधि 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, लेकिन हालिया पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने इस समझौते को निलंबित करने का निर्णय लिया है। यह घटनाक्रम भारत की कूटनीतिक नीति में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

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Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: May 05, 2025 04:30 PM

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