पाकिस्तान से रिश्तों में तनाव के बीच भारत ने अफगानिस्तान के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए वीजा डिप्लोमेसी शुरू की है। सूत्रों के मुताबिक, 4 साल पहले तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के के बाद अफगान नागरिकों को वीजा बंद कर देने के फैसले को भारत ने पलट दिया है। भारत ने अफगान नागरिकों के लिए फिर से वीजा जारी करना शुरू कर दिया है। इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया गया है, जो निवेशकों, कलाकारों, एथलीटों, छात्रों और इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके अटेडेंड के साथ ही संयुक्त राष्ट्र राजनयिक वीजा के लिए आवेदन की अनुमति देता है। भारत ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।
इन कैटेगरी में दिए जा रहे वीजा
भारत ने अफगानिस्तान के नागरिकों के लिए एक बार फिर वीजा जारी करना शुरू कर दिया है। अभी 6 कैटेगरी के वीजा जारी किए जा रहे हैं। इनमें बिजनेस, स्टूडेंट्स, मेडिकल, मेडिकल अटेंडेंट, एंट्री और संयुक्त राष्ट्र राजनयिक वीजा वीजा शामिल हैं।
- छात्र वीजा – भारत में पढ़ाई के लिए।
- बिजनेस वीजा – कारोबारी यात्रा और बिजनस पार्टनरशिप के लिए।
- मेडिकल और मेडिकल अटेंडेंट वीजा – इलाज के लिए भारत आने वाले रोगियों और उनके तीमारदारों के लिए।
- एंट्री वीजा – रिश्तेदारों, कलाकारों और विशेष परिस्थितियों के लिए।
- संयुक्त राष्ट्र राजनयिक वीजा – यूएन से जुड़े अफगान राजनयिकों के लिए।
हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई, लेकिन वीजा अप्रैल के आखिर से मिलने शुरू हो गए हैं। अप्रैल के अंत में लॉन्च किए गए इस पोर्टल पर जारी वीजा श्रेणियों में अवैतनिक कार्यक्रमों में भाग लेने वाले सांस्कृतिक व्यक्ति, भारत में संपत्ति के मालिक और देश में अध्ययन करने वाले परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। इसके लिए आवेदकों को एक तस्वीर, वैध पासपोर्ट और व्यक्तिगत विवरण, जन्म तिथि और पासपोर्ट की समाप्ति तिथि दिखाने वाला राष्ट्रीय पहचान पत्र अपलोड करना होगा।
वीजा पोर्टल पर ‘नया अफगान वीजा मॉड्यूल’ लॉन्च
सरकार की ओर से यह फैसला अप्रैल के अंतिम सप्ताह में लिया गया और इसका क्रियान्वयन सरकारी वीजा पोर्टल indianvisaonline.gov.in पर ‘नया अफगान वीजा मॉड्यूल’ लॉन्च करके किया गया है। बता दें कि 15 अगस्त 2021 को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने सभी वीजा सेवाओं को सुरक्षा कारणों से तत्काल सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद हजारों अफगान नागरिकों, खासकर छात्रों, व्यापारियों और इलाज के लिए आने वाले लोगों के लिए भारत आना मुश्किल हो गया था।