15th August: एक तरफ देश 15 अगस्त को 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है। दूसरी तरफ सेना ने बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी है। आतंकवादी घटना को रोकने के लिए सेना ने खासकर नियंत्रण रेखा (LOC) पर खास तैयारी की है। सेना ने एलओसी पर 3 लेयर का सुरक्षा कवच तैयार किया है। ताकि कोई घुसपैठिए कश्मीर के जरिए देश में घुसकर शांति भंग करने का प्रयास न कर सके। जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार गांव में सेना ने यह 3 लेयर का रोबोटिक घुसपैठ रोधी ग्रिड तैयार किया है। एक भारतीय सेना के अधिकारी ने कहा कि सैनिकों को एलओसी पर शून्य घुसपैठ सुनिश्चित करने का काम दिया गया है। जमीन पर तैनात सैनिकों के रूप में हमारा काम इस क्षेत्र में शून्य घुसपैठ स्थापित करना, बनाए रखना और सुनिश्चित करना है। हम यह तीन स्तरों में करते हैं।
पहली लेयर ‘निगरानी’
सुरक्षा की पहली परत निगरानी उपकरण हैं। इनमें रडार, थर्मल इमेजिंग साइट, हथियार और हेलमेट-माउंटेड साइट और मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि हम ढेर सारे निगरानी उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। इनमें रडार, विभिन्न थर्मल इमेजिंग साइट, हथियार और हेलमेट-माउंटेड साइट और यूएवी शामिल हैं।
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दूसरी लेयर ‘बाधा सिस्टम’
सेना अधिकारी ने बताया कि दूसरी लेयर बाधा सिस्टम है। इसमें बारूदी सुरंगें शामिल हैं। कहा कि हमने पूरे जिम्मेदारी वाले क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की बारूदी सुरंगें और ऑप्टिकल सिस्टम लगाए हैं। ताकि दुश्मन इसे भारत में आने से पहले इस खतरे का सामने करें।
तीसरी लेयर ‘सेना के जवान’
सेना ने बताया कि तीसरी लेयर खुद सेना के जवान हैं। जो हमेशा घात लगाकर हमला करने के लिए तैयार हैं। ये सैनिक नियमित गश्त भी करते हैं। अधिकारी ने बताया कि तीसरी लेयर में गश्त होती है ताकि इलाके पर या तो केवल दुश्मन पर गोलीबारी कर सकें।
सेना में नए उपकरण भी हुए शामिल
सेना ने बताया कि भारतीय सेना में स्मार्ट फेंस सिस्टम है। यह सीमा सुरक्षा और निगरानी कर है। इसके अलावा सेना में कई नए उपकरण शामिल हुए हैं। इसमें क्वाडकॉप्टर, एडवांस मॉनिटरिंग टूल्स, बुलेटप्रूफ वाहन, ऑल-टेरेन वाहन, आधुनिक हथियार और नाइट विजन साइट्स शामिल हैं।
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