Mana Village Uttarakhand: 77वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2023) के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कश्मीर के माछल सेक्टर में स्थित दन्ना (भगत सिंह) गांव का जिक्र किया। यहां पर सेना ने 115 फीट का पुल बनाया है। इसे अंतिम गांव भी कहा जाता है, लेकिन अब पीएम मोदी ने कहा कि यह अंतिम नहीं पहला गांव है।
यहां पर बता दें कि मन्ना गांव की तरह उत्तराखंड का माणा गांव भी है। इस गांव की अभी तक पहचान देश के आखिरी गांव के रूप में थी, लेकिन अब इसे देश के पहले गांव का तमगा मिला है। माणा अपने आप में एक विशेष गांव है, जो देखने और घूमने के लिए खास महत्व रखता है।
बॉर्डर इलाकों के 600 प्रधान पहुंचे लाल किला
मुझे खुशी है कि इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि देश के सीमावर्ती गांवों के 600 प्रधान हैं। वे यहां लाल किले पर इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने आए हैं।
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#WATCH वाइब्रेंट बॉर्डर गांव को देश का आखिरी गांव कहा जाता था। हमने वह मानसिकता बदल दी। वह देश का आखिरी गांव नहीं हैं। आप सीमा पर जो देख सकते हैं वह मेरे देश का पहला गांव है…मुझे खुशी है कि इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि इन सीमावर्ती गांवों के 600 प्रधान हैं। वे यहां लाल किले पर… pic.twitter.com/QpW08iQnNu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 15, 2023
इतनी ऊंचाई पर है गांव
सबसे पहले बात करते हैं कि माणा गांव उत्तराखंड में कहां है और यहां कैसे जाया जा सकता है? बताया जाता है कि उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम से करीब तीन किमी की दूरी पर माणा गांव है। ये गांव समुद्रतल से 3219 मीटर की ऊंचाई पर चीन सीमा के पास स्थित है। कुछ समय पहले तक इसे भारत का आखिरी गांव कहा जाता था।
सीएम धामी ने किया था ये ऐलान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में उत्तराखंड के इस गांव में रहने वाले स्थानीय लोगों ने मांग की थी कि माणा को देश का आखिरी नहीं, पहला गांव कहा जाना चाहिए। इस मांग पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लिया और आखिरी गांव का बोर्ड हटाकर ‘पहला गांव’ का बोर्ड लगाया गया। सुदूर क्षेत्र होने के कारण यहां संपर्क मार्ग भी पर्याप्त नहीं थे।
सड़क मार्गों से जोड़ा गया
रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2022 के अक्टूबर में पीएम मोदी ने भी इस गांव का दौरा किया था। उन्होंने भी इस बात पर जोर दिया था कि माणा को देश का पहला गांव कहा जाना चाहिए। इतना ही नहीं इस गांव का बॉर्डर रोड्स आर्गेनाइजेशन से जोड़ा गया।
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ये है माणा का इतिहास
स्थानीय लोगों की मानें तो माणा का इतिहास महाभारत काल से जोड़ा जाता है। प्रचलित कथाओं के अनुसार, कहा जाता है कि स्वर्ग जाते समय पांडव यहां से ही गुजरते थे। इतना ही नहीं, यहां एक पुल भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि महाबलि भीम ने इसका निर्माण किया था। इसके अलावा यहां कई और भी देखने लायक मंदिर हैं।
ऐसे पहुंचे माणा गांव तक
अगर आप घूमने के शौकीन है तो भी ये गांव आपके लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन हो सकता है। यहां जाने के लिए आपको कहीं से भी ट्रेन द्वारा हरिद्वार पहुंचना होगा। इसके बाद करीब 270 किमी की यात्रा के बाद आप बद्रीनाथ पहुंचते हैं। बद्रीनाथ से करीब तीन किमी पर ये खूबसूरत गांव माणा स्थित है।
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