आज के दिन का इतिहास उस काले कारनामे से जुड़ा है, जिसने क्रिकेट की दुनिया में भूचाल ला दिया था। क्रिकेट मैच की फिक्सिंग का खुलासा हुआ था। जी हां, 25 साल पहले 7 अप्रैल 2000 को दिल्ली पुलिस ने भारत में करोड़ों रुपये के क्रिकेट मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी रैकेट का पर्दाफाश किया था। यह घटना भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े विवाद के रूप में दर्ज है। एक फिल्म Test जो Netflix पर रिलीज हुई थी, वह भी मैच फिक्सिंग पर ही थी।
लेकिन असल में अगर उस घटनाक्रम का जिक्र किया जाए तो साल 2000 क्रिकेट के स्वर्णिम इतिहास पर लगा काला धब्बा ही साबित होगा, क्योंकि इस विवाद ने 2 भारतीय क्रिकेटरों का करियर बर्बाद कर दिया था। उन दोनों पर आजीवन क्रिकेट नहीं खेलने का बैन लग गया था। FIR दर्ज हुई, CBI ने केस की जांच की, केस चला और क्रिकेटरों को दोषी करार देकर बैन लगाया गया। आइए जानते हैं कि आज से 25 साल पहले कब-क्या और कैसे हुआ था?
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दिल्ली पुलिस ने किया था फिक्सिंग का खुलासा
7 अप्रैल 2000 को दिल्ली पुलिस ने एक ब्लैकलिस्टेड सट्टेबाज और उस समय दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के कप्तान हैंसी क्रोनिए के बीच हुई बातचीत को पकड़ा, जिसके द्वारा उन्हें यह पता चला कि हैंसी क्रोनिए को क्रिकेट मैच हारने के लिए ऑफर मिला। नागपुर में भारत के खिलाफ 5वें वनडे मैच (19 मार्च 2000) में 20 से कम रन बनाने के लिए 15000 डॉलर हैंसी को ऑफर हुए थे।
हेनरी विलियम्स को भी 50 से ज्यादा रन देने के लिए 15000 डॉलर ऑफर हुए थे, लेकिन हेनरी विलियम्स को चोट लग गई थी, इस वजह से वे मैच पूरा नहीं खेल पाए और उनकी डील कैंसिल हो गई। हर्शल गिब्स ने अपनी जांच में यह खुलासे किए थे। मामले का खुलासा होने के बाद कई क्रिकेटरों पर आरोप लगे। भारतीय क्रिकेटर भी इस कांड में फंसे। दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की, लेकिन केस की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी गई।
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हैंसी क्रोनिए ने कबूल लिया था गुनाह
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मुख्य आरोपी हैंसी क्रोनिए को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने अपने किसी भी खिलाड़ी को भारतीय जांच समिति के सामने पेश करने से मना कर दिया, लेकिन 11 अप्रैल को अदालत में क्रोनिए ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उन्होंने मान लिया कि साल 1996 में भी कानपुर में भारत के खिलाफ तीसरा टेस्ट मैच हारने के लिए 30000 डॉलर ऑफर हुए थे और मुकेश गुप्ता नामक शख्स ने यह ऑफर दिया था। इसके बाद उन्हें सभी प्रकार के क्रिकेट मैच खेलने से प्रतिबंधित कर दिया गया।
उन्होंने सलीम मलिक (पाकिस्तान), मोहम्मद अजहरुद्दीन और अजय जडेजा (भारत) का भी नाम लिया था। इसलिए BCCI ने मोहम्मद अजहरुद्दीन को सभी तरह के क्रिकेट खेलने से प्रतिबंधित कर दिया। सलीम मलिक पर भी आजीवन क्रिकेट नहीं खेलने का बैन लगाञ। टीम के उप-कप्तान अजय जडेजा और मनोज प्रभाकर पर 5-5 वर्ष तक क्रिकेट न खेलने का प्रतिबंध लगाया, जबकि टीम के फिजियो अली ईरानी पर भी प्रतिबंध लगा था। दिसंबर 2000 में पूर्व मोहम्मद अजहरुद्दीन पर लाइफ लाइम बैन लगा था, लेकिन साल 2012 में यह प्रतिबंध आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने हटा दिया था, लेकिन उनका करियर बर्बाद हो गया था।
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