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सावधान! हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लेने जा रहे हैं? कहीं इस फ्रॉड का ना हो जाएं शिकार

High Security Number Plate Fraud: दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर हो रहे फ्रॉड का खुलासा किया है। पुलिस ने फर्जी HSRP बुकिंग वेबसाइट के जरिए देशभर में ठगी करने वाला गिरोह को पकड़ा है। आइए आपको बताते हैं ये गिरोह किस तरह लोगों को चूना लगा रहा था। पढ़ें राहुल प्रकाश की रिपोर्ट।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Pushpendra Sharma Updated: Jun 25, 2025 22:26
High Security Number Plate Fraud
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर चल रहा था फ्रॉड (प्रतीकात्मक फोटो)

High Security Number Plate Fraud: व्हीकल्स की सुरक्षा और पहचान के लिए केंद्र सरकार की ओर से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को अनिवार्य किया गया है। जिन वाहनों में ये नंबर प्लेट नहीं है, उनका चालान किया जा सकता है। ऐसे में इन नंबर प्लेटों को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है, जिसे आप नजदीकी कार शोरूम या फिर रजिस्टर्ड सेंटर से ले सकते हैं। केंद्र सरकार की ओर से जरूरी किए जाने के बाद नए वाहनों में तो ये प्लेट मिल रही हैं, लेकिन पुराने वाहन मालिक इसे ऑनलाइन बुक करवाकर ले रहे हैं। अगर आप भी इसे ऑनलाइन बुक कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं। दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर लोगों से ठगी कर रहा था। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है और ये गिरोह कैसे लोगों को चूना लगा रहा था।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने इस गिरोह को पकड़ा है। ये गिरोह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) बुकिंग के नाम पर लोगों से ठगी करता था। पुलिस के अनुसार, इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने ऑनलाइन फ्रॉड करने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाई थी। इसके साथ ही यह गूगल पर विज्ञापन देकर लोगों को जाल में फंसा रहा था।

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गूगल पर विज्ञापन के जरिए करते थे प्रमोट 

पुलिस के मुताबिक, गिरोह के सदस्य फर्जी वेबसाइट बनाकर इसे गूगल पर विज्ञापन के जरिए प्रमोट करते थे। इससे लोगों को लगता था कि ये असली वेबसाइट है। दरअसल, इस वेबसाइट की डिजाइन ऐसी होती थी, जिससे ये सरकार की आधिकारिक वेबसाइट जैसी दिखती थी। इससे असली-नकली में फर्क करना मुश्किल हो जाता था। इन वेबसाइट्स पर HSRP बुकिंग के नाम पर लोगों से 1200 से 1500 रुपए तक का एडवांस पेमेंट लिया जाता था। पेमेंट के लिए UPI QR कोड दिए जाते थे, जो फर्जी पहचान पर बने बैंक खातों से जुड़े हुए थे।

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आरोपी गाजियाबाद से गिरफ्तार 

स्पेशल सेल थाने में इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज की गई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच की तो गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। जांच के दौरान टीम ने टेक्निकल और मैनुअल दोनों तरीके से इंवेस्टीगेशन की। इसके बाद आरोपी ऋषभ गुप्ता तक पहुंची। उसे गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में ऋषभ ने कई खुलासे किए। उसने कहा कि वही फर्जी वेबसाइट्स का मुख्य ऑपरेटर है। वह इन वेबसाइट्स को गूगल एड्स के जरिए प्रमोट करता था।

एक हजार से ज्यादा शिकायतें 

आगे की जांच में पुलिस को दूसरे आरोपी कपिल त्यागी का पता चला। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया। वह इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड निकला। उसके खिलाफ पहले भी ऐसे मामलों में केस दर्ज हैं। पता चला है कि पुलिस को करीब 1000 से ज्यादा शिकायतें NCRP पोर्टल से जुड़ी मिली हैं।

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कैसे खास होती है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट? 

एचएसआरपी प्लेटें काफी खास होती हैं। इनमें लेजर कोड, विशेष होलोग्राम और स्नैप-लॉक मेकेनिज्म होता है। जिससे उन्हें बाहर निकालना या इनसे छेड़छाड़ करना मुश्किल हो जाता है। अक्सर वाहन पर अपराधी फर्जी नंबर प्लेट लगा देते हैं। ऐसे में पुलिस के लिए परेशानी बढ़ जाती है, लेकिन HSRP प्लेट पर लगी खास चीजें चोरी, जालसाजी और वाहन पहचान से जुड़े अपराधों को रोकने में मदद करती हैं। प्रत्येक प्लेट पर एक खास सीरियल नंबर होता है, जिससे वाहन की पहचान खास बनती है। HSRP प्लेट के साथ एक कलर-कोडेड स्टीकर भी लगाया जाता है। जिससे पुलिस को व्हीकल के बारे में पूरी जानकारी मिलती है। साथ ही प्लेट पर रिफ्लेक्टिव कोटिंग भी लगाई जाती है। जिससे रात के समय सड़क सुरक्षा में मदद मिलती है।

इस तरह बनवाएं हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट 

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट bookmyhsrp.com या siam.in की वेबसाइट पर जाकर बनवाई जा सकती है। आप ऑफलाइन के लिए आरटीओ में संपर्क कर सकते हैं। वेबसाइट पर जाकर कुछ स्टेप्स फॉलो करने होंगे। साथ ही ये भी बताना होगा कि आप इसे किस जगह लेना चाहते हैं। फिर टाइम और स्लॉट बुक करें, फिर पेमेंट कर दें। इंटरनेट पर भारत के झंडे का लोगो लगी हुई कई वेबसाइट मौजूद हैं। इनसे आपको सावधान रहना होगा। ये वेबसाइट फर्जी होती हैं, लेकिन भारत सरकार की वेबसाइट जैसी ही दिखती हैं। भारत सरकार की परिवहन या ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर HSRP की आधिकारिक वेबसाइट्स का नेविगेशन न होने की वजह से भी कई बार यूजर फेक वेबसाइट्स पर चला जाता है। ऐसे में सरकारी वेबसाइट्स पर भी HSRP का नेविगेशन हो तो काफी हद तक लगाम लग सकती है।

First published on: Jun 25, 2025 10:19 PM

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