---विज्ञापन---

देश

न्यायपालिका में सामाजिक प्रतिनिधित्व पर सरकार का जवाब: हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं

मंगलवार को केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए संविधान में किसी भी जाति या वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं है.

Author Written By: Kumar Gaurav Updated: Dec 9, 2025 23:29

मंगलवार को केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए संविधान में किसी भी जाति या वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं है.

लोकसभा में सांसद टीआर बालू ने सरकार से सवाल पूछा था कि क्या केंद्र सरकार उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट में जजों की भर्ती व पदोन्नति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण देने के लिए कोई नया कानून लाने का प्रस्ताव रखती है, यदि हां, तो उसके विवरण; और यदि नहीं, तो उसके कारण बताए जाएं.

---विज्ञापन---

सांसद टीआर बालू ने ये भी पूछा कि यदि ऐसा कोई कानून नहीं है, तो सरकार न्यायपालिका में सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों का आनुपातिक प्रतिनिधित्व कैसे सुनिश्चित करेगी!

इस सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने लिखित जवाब में बताया कि संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 224 के तहत जजों की नियुक्ति होती है, जिनमें आरक्षण शामिल नहीं है. इसी कारण सरकार श्रेणीवार डेटा भी नहीं रखती.

---विज्ञापन---

सरकार ने बताया कि 2018 से हाई कोर्ट जज के लिए अनुशंसित उम्मीदवारों से उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि का विवरण मांगा जा रहा है. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2018 से 28 नवंबर 2025 के बीच कुल 841 जज नियुक्त हुए, जिनमें 32 SC, 17 ST, 103 OBC, 46 अल्पसंख्यक समुदायों से और 129 महिलाएँ शामिल हैं.

अठावले ने बताया कि Memorandum of Procedure (MoP) के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने की जिम्मेदारी मुख्य न्यायाधीश की होती है, जबकि हाई कोर्ट के जजों के प्रस्ताव संबंधित हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भेजते हैं.

सरकार ने कहा कि वह न्यायपालिका में सामाजिक विविधता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से SC, ST, OBC, अल्पसंख्यक समुदायों और महिलाओं के योग्य उम्मीदवारों पर उचित विचार करने का आग्रह करती रही है. अंततः सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में नियुक्ति केवल उन्हीं व्यक्तियों की होती है जिन्हें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम अनुशंसित करता है.

First published on: Dec 09, 2025 11:29 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.