अहमदाबाद से ठाकुर भूपेंद्र सिंह: गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री विपुल चौधरी को करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किए जाने से खलबली मच गई है। विपुल चौधरी को देर रात एंटी करप्शन ब्यूरो ने हिरासत में लिया था जिसके बाद अब अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने उन्हें अरेस्ट कर लिया है। इसके बाद उत्तर गुजरात की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। जांच एजेंसी के मुताबिक ये घोटाला 800 करोड़ से भी ज्यादा का है। दूधसागर डेयरी के चेयरमैन रह चुके विपुल चौधरी पर आरोप है कि उनके कार्यकाल में बोगस तरीके से 800 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई। विपुल चौधरी 2005 के आसपास दूधसागर डेयरी के चेयरमैन बने थे।
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1995 में विधायक बने थे
विपुल चौधरी 1995 में विधायक बने थे और फिर पहली बार केशुभाई पटेल की सरकार में राज्य मंत्री बने। विपुल चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के करीबी माने जाते हैं। 55 साल के विपुल चौधरी गुजरात डेयरी राजनीति के बड़े और महत्वपूर्ण चेहरों में शामिल हैं। शंकर सिंह वाघेला 1996-1997 में जब मुख्यमंत्री थे तब विपुल चौधरी गृह राज्य मंत्री थे। चौधरी पूर्व में गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) के भी चेयरमैन रह चुके हैं। दिसंबर 2020 में अमूल में 14.8 करोड़ के बोनस स्कैम को लेकर भी चौधरी की गिरफ्तारी हुई थी। बाद में उन्हें अहमदाबाद सेंशन कोर्ट से राहत मिली थी।
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ये हैं आरोप
विपुल चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने दर्जनभर से अधिक बोगस कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपए की जालासाजी को अंजाम दिया। विपुल चौधरी कांग्रेस के अलावा भाजपा में रह चुके हैं। इस मामले में चौधरी के साथ उनके पीए शैलेश पारीख की भी गिरफ़्तारी हुई है। पुलिस ने इस मामले में एंटीकरप्शन की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की करवाई शुरू की है।
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