भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है। अब्दुल्ला का यह बयान कश्मीरी पंडितों को लेकर आया है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान कश्मीरी पंडितों पर हुआ हमला दुर्भाग्यपूर्ण था लेकिन उन्होंने पंडितों को नहीं निकाला। फारूक ने आगे कहा कि उन्होंने पंडितों को गाड़ियां उपलब्ध कराईं और सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।
विधानसभा पर भी हमला हुआ
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में पूर्व सीएम ने कहा कि क्या आपको पता है, इस घटना में मेरे कितने मंत्री, विधायक और वर्कर्स मारे गए? भारत का झंडा फहराने के लिए 1500 लोग मारे गए। उन्हें मस्जिद से निकलते ही गोली मार दी गई। उस समय विधानसभा पर भी हमला हुआ, जिसमें 40 लोग मारे गए और लोग सवाल करते रहे कि फारूक अब्दुल्ला कहां पर है?
तो मैं कभी इस्तीफा नहीं देता- फारूक अब्दुल्ला
पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब कश्मीरी पंडितों पर नरसंहार हुआ तो मैंने तत्कालीन भारत सरकार से सेना की कुछ और कंपनियां भेजने को कहा था लेकिन सरकार ने इनकार कर दिया। अगर वे 15 कंपनियां भेजते तो यह स्थिति नहीं होती। पूर्व सीएम ने अपने इस्तीफे को लेकर भी बड़ा बयान दिया। अब्दुल्ला ने कहा कि अगर मुझे पता होता कि यह सब होने वाला है, तो मैं इस्तीफा कभी नहीं देता। मैं अगर उस घटना के लिए जिम्मेदार हूं तो मुझे फांसी पर लटका दो।
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पहलगाम हमले पर कही बड़ी बात
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने को लेकर पूछे गए सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार कहती रही अनुच्छेद 370 के कारण आतंकवाद है इसलिए उसे हटा दिया गया। मैं पूछता हूं क्या इससे आतंकवाद खत्म हो गया। पहलगाम हमले को लेकर भी पूर्व सीएम ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि मैं इस पर कोई बयान नहीं देता चाहता। प्रधानमंत्री और देश की सरकार तय करें कि इस हमले का बदला कैसे लेना है, पीड़ितों और उनके परिवारों को कैसे न्याय दिलाना है? सरकार को तय करना चाहिए कि इस स्थिति से कैसे निपटना है?
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