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Exclusive Interview: ‘अब सियासत करना सीख लिया’, चुनाव से पहले क्यों बोले फारूक अब्दुल्ला?

Farooq Abdullah Exclusive Interview : जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां एक्टिव हो गई हैं। हर दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहा है, लेकिन यह जनता तय करेगी कि जम्मू कश्मीर में किसकी सरकार बनेगी?

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Sep 15, 2024 23:39
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Farooq-Abdullah
Farooq Abdullah Exclusive Interview

Farooq Abdullah Exclusive Interview : जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। उम्मीदवारों के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता चुनावी सभा कर रहे हैं। हर पार्टी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही है, लेकिन फाइनल मुहर जनता लगाएगी। चुनाव के बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने News24 की एडिटर इन चीफ अनुराधा प्रसाद से विशेष बातचीत की। जिसमें उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए।

सवाल- क्या जम्मू-कश्मीर चुनाव में इस बार कोई टेंशन नजर आ रही है?

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जवाब- अच्छी बात है कि 10 साल के बाद चुनाव हो रहा है। चुनाव लोकतंत्र का एक बेहतरीन वर्क है। यही साबित करता है कि किसे लोग चाहते हैं और किसका बहुमत आता है। फिर वे जनता के लिए काम करते हैं। टेंशन हर वक्त होती है, लेकिन मैं चुनाव को एंजॉय कर रहा हूं।

सवाल- जम्मू-कश्मीर में वोट की कौनसी इंजीनियरिंग चल रही है, खासकर कश्मीर में?

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जवाब- सभी राजनीतिक पार्टियां जनता के बीच जा रही हैं। अब यह लोगों को फैसला करना है कि कौन जीतेगा, कौन हारेगा।

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सवाल- एक तरफ इंजीनियर राशिद हैं तो दूसरी तरफ जमात-ए-इस्लामी के सपोर्ट से कुछ लोग लगे हुए हैं। बीजेपी ने कश्मीर घाटी में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे, इसे आप कैसे देख रहे हैं?

जवाब- जमात-ए-इस्लामी के लोग चोरी-चोरी वोट देते थे। अब उन्हें भी चुनाव में पता लगेगा कि वे कहां खड़े हैं। राशिद जमानत पर 20 दिन के लिए बाहर आए हैं। वे भी अपना चमत्कार दिखा लें। जहां तक बीजेपी का सवाल है तो उनके कई उम्मीदवार बिना पार्टी चिह्न के चुनाव लड़ रहे हैं।

सवाल- क्या जमात-ए-इस्लामी और राशिद एक साथ आ गए हैं?

जवाब- चुनाव के बाद सब साफ हो जाएगा कि कौन किसने साथ है और कौन किसने साथ नहीं है।

सवाल- क्या इंजीनियर राशिद और उनकी पार्टी बीजेपी की बी-टीम है?

जवाब- यहां बहुत सी टीमें हैं। ए, बी, सी, डी टीमें काम कर रही हैं। ये एक मुश्किल रियासत है। यहां किसी चीज को समझना आसान नहीं है। चुनाव के दौरान 20 दिन के लिए राशिद को क्यों छोड़ा गया? ऐसी क्या मजबूरी थी कि भारत सरकार को उनके सामने झुकना पड़ा।

सवाल- चुनाव में फारूक अब्दुल्ला के लिए मुख्य चुनौती कौन है, इंजीनियर राशिद या पीडीपी?

जवाब- नेशनल कॉन्फ्रेंस इस लोगों से न कभी डरी है और न आगे डरेगी। हम लोग बंदूक के सामने न कभी सिर झुकाए हैं और न ही आगे कभी झुकाएंगे।

सवाल- दिल्ली में महबूबा मुफ्ती इंडिया गठबंधन के साथ है। क्या आपको नहीं लगता है कि यहां भी गठबंधन के साथ होना चाहिए था?

जवाब- वक्त बताएगा कि वह कहां खड़ी रहेंगी। हम लोग इंडिया गठबंधन के साथ हैं और आगे भी रहेंगे। इस हुकूमत से मुल्क को निजात दिलानी है, जो लोगों को मजहब के नाम पर बांट रही है। हैरानी होती है कि फिर ये लोग कैसे कहते हैं कि हम आपके साथ हैं। जबकि ये हिंदू, मुस्लिम, ईसाई लोगों को तोड़ रहे हैं।

सवाल- कश्मीर और कश्मीरियत के नाम पर आप सभी दल एक साथ क्यों नहीं आ जाते हैं?

जवाब- चुनाव शुरू हो गया और आगे देखिए क्या-क्या होता है। आगे बहुत वक्त है।

सवाल- डोडा में प्रधानमंत्री ने क्यों तीन खानदानों को कोसा?

जवाब- मैं वजीर-ए-आजम को एक बात कहता चाहता हूं कि वे बहुत कम इतिहास जानते हैं। भारत के साथ कश्मीर कैसे मिला? 1947 में क्या हुआ? जब पाकिस्तानी आए तब महाराज साहब ने भारत की सेना को बुलाया। वे तो अलग कश्मीर चाहते थे, लेकिन पाकिस्तानियों ने बनने नहीं दिया। वो कौन थे, जिन्होंने कश्मीर को गांधी के हिंदुस्तान के साथ जोड़ा। वो नेशनल कॉन्फ्रेंस के सबसे अजीज लीडर शेख अब्दुल्ला थे। अगर वो नहीं होते तो हम लोग पाकिस्तान का हिस्सा बन गए होते।

सवाल- प्रधानमंत्री कहते हैं कि पत्थरबाजी बंद हो गई, रोजगार मिल रहा, पर्यटक आ रहे हैं। इसे आप कैसे देखते हैं?

जवाब- प्रधानमंत्री का क्या कहना है। उन्होंने हिंदुओं को मुसलमानों से डराने के लिए क्या-क्या नहीं कहा। ये घुसपैठिये हैं, ये बहुत बच्चे पैदा करते हैं। अगर दो घर होंगे तो ये एक मुसलमानों को दे देंगे। उन्होंने हिंदुस्तान को बर्बाद किया, नफरत पैदा की। पहले भी यहां पर्यटक थे। जब इन्होंने आर्टिकल 370 हटाया था, तब भी यहां पर्यटक थे। सबसे ज्यादा पर्यटक वैष्णो माता का दर्शन करने के लिए आते हैं। अमरनाथ यात्रा के लिए भी आते हैं। अमरनाथ श्रद्धालुओं को कैदियों की तरह लाया जाता है।

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सवाल- पीएम के साथ आपकी भी अच्छी कैमेस्ट्री रही है तो क्यों उन्होंने आपकी बात को नहीं समझा?

जवाब- वजीर-ए-आजम महान हैं, उन्हें किसी की सलाह की जरूरत नहीं है।

सवाल- आर्टिकल 370 खत्म हो गया तो फिर आप लोग इसे कैसे लेकर आएंगे?

जवाब- आर्टिकल 370 के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। जिन लोगों ने भारत की आजादी में हिस्सा नहीं लिया और आज ये भारत के काफी चहेते हो गए। हम पत्थर फेंकने वाले नहीं हैं। हम फिर सुप्रीम कोर्ट को समझाएंगे।

सवाल- एनसी-कांग्रेस की सरकार बनी तो आपकी प्राथमिकता क्या रहेगी- राज्य का दर्जा या आर्टिकल 370?

जवाब- हमारी पहली प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना है। आर्टिकल 370 के लिए लंबी लड़ाई चलेगी।

सवाल- क्या आपकी प्राथमिकता में लद्दाख भी शामिल होगा?

जवाब- कोशिश करेंगे कि लद्दाख भी शामिल हो। वहां भी उपराज्यपाल बैठाया गया है, जो फैसला करता है।

सवाल- एलजी के पावर से बढ़ा दिए गए हैं। सरकार आने के बाद भी आपको बार-बार एलजी के पास जाना पड़ेगा तो कैसे फैसला लेंगे?

जवाब- पूरा इंडिया गठबंधन इसके खिलाफ लड़ेगा। हम अकेले नहीं हैं।

सवाल- आपके गठबंधन को कितनी सीटें मिलेंगी?

जवाब- गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलेगा। दोनों पार्टियां एक साथ जीतकर आएंगी।

सवाल- अगर बहुमत नहीं मिला तो क्या महबूबा मुफ्ती का सपोर्ट लेंगे?

जवाब- चुनाव के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा।

सवाल- गुलाम नबी आजाद की पार्टी भी चुनाव लड़ रही है, इसे कैसे देखते हैं?

जवाब- मुझे अफसोस है कि वे बहुत बड़े नेता थे। उन्हें जिस जमात से उठाया था, जब वे उनका नहीं बन सके तो हमारे क्या बनेंगे।

सवाल- अगर बीजेपी सपोर्ट करेगी तो क्या एनसी समर्थन लेगी?

जवाब- पहले चुनाव परिणाम आ जाएं, तब सोचेंगे। मुझे नहीं लगता है कि उनको बहुमत मिलेगा। लोकसभा चुनाव में इसका नतीजा देखने को मिला था।

सवाल- गठबंधन की सरकार बनी तो सीएम कौन बनेगा?

जवाब- कांग्रेस और एनसी बैठकर इस पर फैसला लेगी। चुनाव के बाद निर्णय लिया जाएगा। पहले मैं राजनीतिज्ञ नहीं था, लेकिन अब सियासत करना सीख लिया।

सवाल- क्या राजनीति में इंसानियत खत्म हो जाती है?

जवाब- आजकल की राजनीति वैसी ही है। कोई सच नहीं बोल सकता है। जो सच बोलेगा उसे सलाखों के पीछे भेज दिया जाता है।

सवाल- क्या जम्मू कश्मीर में सीबीआई और ईडी का डर दिखाया गया?

जवाब- सिर्फ ईडी और सीबीआई ही नहीं, बल्कि नौकरी से निकलवाने का डर दिखाया जा रहा है। अगर कोई सच बोला तो उसे पुलिस पकड़ ले जाती है।

सवाल- कश्मीरी पंडितों के लिए क्या करेंगे?

जवाब- मनमोहन सिंह ने जो किया, वहीं करेंगे। इज्जत से कश्मीरी पंडितों को फिर से बसाएंगे। इस हुकूमत ने पिछले 10 साल में कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ नहीं किया।

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सवाल- आज और पहले के श्रीनगर में क्या अंतर है?

जवाब- आज हर जगह फौजी बंदूक लेकर खड़ा है। कहते हैं कि पत्थरबाजी बंद हो गई, ये सिर्फ दिखावा है। लोग आज भी वाजपेयी को क्यों याद करते हैं, क्योंकि उन्होंने भारत-पाक का रास्ता खोल दिया था। हम पाकिस्तानी नहीं हैं। हम न पाकिस्तानी थे और न होंगे। हम भारत के झंडे के नीचे ही रहेंगे।

सवाल- अगर गठबंधन की सरकार बनी तो पाकिस्तान से किस तरह के रिश्ते चाहेंगे?

जवाब- हम पाकिस्तान से बात नहीं कर सकते हैं। दोनों मुल्कों की हुकूमत एक-दूसरे से बात कर सकती है। हम चाहते हैं कि दोनों मुल्कों में दोस्ती हो और आगे बढ़े। एक दिन वो आएगा, जब दोनों देश एक-दूसरे की तरक्की के बारे में सोचेंगे। दोस्त बदला जा सकता है, लेकिन पड़ोसी नहीं।

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Edited By

Deepak Pandey

First published on: Sep 15, 2024 11:12 PM

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