Farmers Protest Latest Update: किसान आंदोलन का आज 13वां दिन है, लेकिन माहौल शांतिपूर्ण है। हालांकि किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हैं, लेकिन उन्होंने 29 फरवरी को दिल्ली चलो मार्च टाल दिया है। किसानों के दिल्ली कूच नहीं करने के फैसले के बाद दिल्ली पुलिस ने भी सिंघु और टिकरी बॉर्डर खोल दिए हैं।
बैरिकेड्स हटा दिए गए हैं, जिससे लोगों को काफी राहत मिली। हालांकि पिछले 12 दिन में 2 बार किसानों और पुलिस में हुए टकराव से 7 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन MSP को लेकर जो विवाद है, वह नहीं सुलझा। ऐसे में अब आगे किसानों का क्या प्लान है। इस बारे में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के अध्यक्ष सरवन सिंह पंढेर बता रहे हैं, आप भी जानिए।
#WATCH | Farmer leader Sarwan Singh Pandher says, “Today, is the 13th day of the morchas at Shambhu and Khanauri. Today, we will have a convention on both borders as there will be a discussion on WTO. We have demanded that the farming sector should be taken out of WTO…We will… pic.twitter.com/Zm1GTAWZ1g
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) February 25, 2024
किसानों की अगले 5 दिन की प्लानिंग
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने किसान आंदोलन को लेकर आगे की प्लानिंग मीडियाकर्मियों को बताई। पंढेर ने बताया कि आज 13वें दिन किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर सम्मेलन करेंगे। इस सम्मलेन में विश्व व्यापार संगठन (WTO) पर चर्चा होगी, क्योंकि किसानों ने कृषि क्षेत्र को WTO से बाहर रखने की मांग की है। सम्मलेन के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
26 फरवरी को WTO, कॉरपोरेट घरानों और सरकारों की अर्थियां जलाएंगे। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुतले भी जलाए जाएंगे। 27 फरवरी को किसान मजदूर मोर्चा, SKM के देशभर के नेता जुटेंगे और अहम बैठक करेंगे। 28 फरवरी को भी किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा चर्चा करेंगे। 29 फरवरी को किसान आंदोलन आगे बढ़ाने पर फैसला लिया जाएगा।
VIDEO | Farmers’ protest: Authorities initiated the process of partially reopening Singhu (Delhi-Haryana) border earlier today, almost two weeks after it was sealed in view of farmers’ ‘Delhi Chalo’ march.#FarmersProtest2024 #DelhiChaloMarch pic.twitter.com/KYjf4R1Ura
— Press Trust of India (@PTI_News) February 24, 2024
WTO को लेकर क्या मांग रहे किसान?
किसानों का कहना है कि भारत को WTO से बाहर कर देना चाहिए, क्योंकि संगठन किसानों और स्थानीय उत्पादकों को दी जाने वाली सरकारी सब्सिडी देने के हक में नहीं है। संगठन चाहता है कि WTO के सदस्य देश सब्सिडी को सीमित करें या बंद कर दें। इसके पीछे WTO का तर्क है कि किसानों को ज्यादा सब्सिडी देने से इंटरनेशनल बिजनेस प्रभावित होता है। इसलिए किसानों का कहना है कि WTO के कारण ही सरकार उनकी मांगें नहीं मान रही।
किसानों का कैंडल मार्च और श्रद्धांजलि समारोह
किसानों ने शनिवार शाम को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर कैंडल मार्च निकाला था। पुतले फूंक कर विरोध जताया। पुलिस से झड़प में मारे गए बठिंडा के किसान शुभकरण सिंह को श्रद्धांजलि दी। शुभकरण के परिवार को एक करोड़ मुआवजा और उसकी बहन को सरकारी नौकरी देने का ऐलान पंजाब सरकार ने किया है, लेकिन किसान उसके मर्डर की FIR हरियाणा सरकार पर करने को लेकर अड़े हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा किसानों का आंदोलन
किसान आंदोलन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। द सिख चैंबर ऑफ कॉमर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अग्नोस्तोस थिओस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में कहा गया है कि सरकार किसानों की मांग पर विचार तक नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट सरकार को निर्देश दे कि वह किसानों के साथ दुर्व्यवहार बंद करे और उनकी मांगों पर विचार करके उचित फैसला ले। किसानों को दिल्ली जाने से न रोकने के निर्देश दिए जाएं। बैरिकेडिंग हटवाकर रास्ता साफ कराया जाए। किसानों पर बल प्रयोग करने का आदेश किसने दिया, इसकी जांच कराई जाए।