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Ex CJI Exclusive: न्यायपालिका, सरकार और मीडिया पर क्या बोले देश के पूर्व CJI बीआर गवई?

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने देश की न्यायपालिका, सरकार और मीडिया विचार साझा किए. उन्होंने न्यूज 24 के लीगल कॉरेस्पोंडेंट प्रभाकर मिश्रा से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि जजमेंट सरकार के खिलाफ देंगे तो ही इंडिपेंडेंट जज है, ये तो सही बात नहीं हो सकती. हर चीज में गवर्नमेंट गलत ही […]

Author Written By: News24 हिंदी Updated: Nov 29, 2025 23:12

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने देश की न्यायपालिका, सरकार और मीडिया विचार साझा किए. उन्होंने न्यूज 24 के लीगल कॉरेस्पोंडेंट प्रभाकर मिश्रा से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि जजमेंट सरकार के खिलाफ देंगे तो ही इंडिपेंडेंट जज है, ये तो सही बात नहीं हो सकती. हर चीज में गवर्नमेंट गलत ही हो ये जरूरी नहीं. ये धारणा से तो हम देख नहीं सकते और जहां सरकार का गलत है वहां सरकार के अगेंस्ट भी हम निर्णय देते और जहां सरकार का सही है तो सरकार के बाजू में भी निर्णय देते. अभी आपको मैं गिनाना नहीं चाहूंगा मगर मैंने कितने तो भी मैटर्स में गवर्नमेंट के अगेंस्ट डिसीजन दिए. अभी आपको तो जो हाई प्रोफाइल वेल मैटर्स को याद होंगे. एक दौर में यानी तीन चार कंटीन्यूअस मेरे सिक्वेंस में ऑर्डर आए थे.

उन्होंने कहा कि यह मानना गलत है कि न्यायपालिका केवल सरकार के खिलाफ फैसले देती है और हर बार सरकार को गलत ठहरा देती है. उन्होंने यह भी कहा कि न्यायपालिका निर्णय तथ्यों और कानून के आधार पर करती है, और सरकार के सही पक्ष में भी फैसले देती है. उन्होंने बुलडोजर न्याय व्यवस्था की आलोचना करते हुए कहा कि भारतीय न्यायव्यवस्था नियमों और कानूनों पर आधारित है, और सरकार को न्यायाधीश, जेलर या जल्लाद नहीं होना चाहिए. गवई ने न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौतियों, जैसे पर्यावरण, अवसादन और मानवाधिकार मामलों में न्याय की भूमिका पर भी अपने विचार साझा किए. साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे रिटायरमेंट के बाद कोई सरकारी पद नहीं लेंगे.

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बीआर गवई ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि हर मामले में सरकार गलत हो और न्यायपालिका सरकार के खिलाफ ही फैसले दे. न्यायपालिका तथ्यों के आधार पर सही और गलत दोनों पक्षों में निर्णय करती है. उन्होंने हाई प्रोफाइल मामलों में कई बार सरकार के खिलाफ भी फैसले दिए हैं, लेकिन साथ ही सरकार के पक्ष में भी निर्णय दिये हैं. उन्होंने यह भी बताया कि जज नियुक्ति प्रक्रिया में सरकार का दखल नहीं होता, बल्कि कॉलेजियम सिस्टम के अंतर्गत विविध स्त्रोतों से इनपुट लेकर निर्णय लिया जाता है.


पूर्व जस्टिस गवई ने बुलडोजर न्याय की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह विधि-विधान और नियमों के खिलाफ है. उन्होंने न्यायपालिका की स्वतंत्रता एवं संविधान की सर्वोच्चता पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया और कुछ लॉबियों की वजह से न्यायाधीशों को गलत आरोपों और ट्रोलिंग का सामना करना पड़ता है, जो न्यायपालिका की गरिमा के लिए नुकसानदायक है. इसी कारण से उन्होंने न्यायपालिका पर अनुचित व्यक्तिगत आरोपों और आलोचनाओं को अस्वीकार किया.

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First published on: Nov 29, 2025 09:10 PM

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