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महाबली राफेल की भारतीय नौसेना में एंट्री, पहलगाम आतंकी हमले के बाद ताकत बढ़ाने पर फोकस

भारतीय वायुसेना के बाद अब भारतीय नौसेना को भी मजबूत बनाया जा रहा है। दरअसल, भारतीय नौसेना में महाबली राफेल की एंट्री होने वाली है।

Author Reported By : Pawan Mishra Edited By : Pooja Mishra Updated: Apr 28, 2025 14:57
Indian Navy

पवन मिश्रा, नई दिल्ली

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने अपनी ताकत बढ़ाने पर फोकस कर रही है। इसी के तहत जहां भारतीय वायुसेना ने नए जहाजों के साथ अपनी ताकत बढ़ाई है, वहीं अब भारतीय नौसेना को भी मजबूत बनाया गया है। सरकार द्वारा भारतीय नौसेना के लिए फ्रांस राफेल मरीन लड़ाकू विमान बनाने जा रहा है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने 63,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। रक्षा मंत्रालय ने न्यूज़ 24 को जानकारी देते हुए बताया कि 63,000 करोड़ रुपये से अधिक के इस सरकारी सौदे पर आज हस्ताक्षर कर दिए गए हैं।

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डील से बढ़ेगी भारतीय नौसेना की ताकत

बता दें कि इस डील से भारतीय नौसेना को 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर विमान मिलेंगे। फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन कंपनी के अधिकारियों ने पिछले महीने दिल्ली में आकर रक्षा मंत्री के सामने एक डेमो दिया था। डेमो के जरिए इसकी ताकत और क्षमता के बारे में बताया गया था। समुंदर के सिकंदर भारतीय नौसेना के लिए यह विमान बहुत ही ताकतवर साबित होने वाला है, क्योंकि समुंदर की लहरों के बीच इसकी मारक क्षमता में और ज्यादा धार देगा। राफेल जेट का इस्तेमाल आईएनएस विक्रांत पर भी किया जाएगा।

इन विमानों की जगह लेंगे ये नए विमान

भारतीय सामरिक ताकत को भी एक नई दिशा देगा। न्यूज़ 24 से बातचीत के दौरान नौसेना के कमांडर विवेक मडवाल ने बताया कि नए राफेल एम विमान, पुराने MiG-29K और MiG-29KUB विमानों की जगह लेंगे। ये पुराने विमान अभी भारतीय नौसेना के 300 स्क्वाड्रन, व्हाइट टाइगर्स और 303 स्क्वाड्रन ब्लैक पैंथर्स में इस्तेमाल हो रहे हैं। नए राफेल जेट आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य नाम के एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरेंगे।

फाइटर पायलट की ट्रेनिंग

इन 26 विमानों में से दो विमान ट्रेनी विमान होंगे जो फाइटर पायलट की ट्रेनिंग में काम आएंगे। आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य के लिए इन विमानों को खास तरह से डिजाइन करके बनाया जाएगा। साल 2029 से सभी 26 राफेल विमानों की डिलिवरी शुरू हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, अगर फ्रांस डिलिवरी में देर करेगा तो भारतीय रक्षा मंत्रालय टोटल कीमत से 5 प्रतिशत पेनल्टी काटेगी।

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ऐसे हुई डील

न्यूज 24 को मिली जानकारी के मुताबिक यह समझौता भारतीय और फ्रांसीसी रक्षा मंत्रियों के वर्चुअल तरीके से किया गया है। पहले एक समारोह में यह हस्ताक्षर होने वाला था। पहलगाम हमले से ठीक एक दिन पहले फ्रांस के रक्षा मंत्री भारत आने वाले थे, लेकिन हमले की वजह से वह भारत नहीं आए हैं। बता दें डील के समय भारतीय रक्षा सचिव राजेश कुमार और फ्रांसीसी राजदूत थिएरी मथौ मौजूद थे।

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Pooja Mishra

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Pawan Mishra

First published on: Apr 28, 2025 02:57 PM

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