बेरोजगारी से जूझ रहे देश के युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। मोदी सरकार ने रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए एक बड़ी योजना को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) योजना को हरी झंडी दे दी। इस योजना का उद्देश्य अगले दो साल में 3.5 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराना है।
इस योजना के जरिए पहली बार नौकरी करने वालों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके तहत पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं के लिए सरकार दो किश्तों में अधिकतम 15,000 रुपये तक की सब्सिडी देगी। यह सब्सिडी कंपनियों को दी जाएगी ताकि वे नए युवाओं को नौकरी देने के लिए प्रोत्साहित हों। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में योजना की जानकारी देते हुए बताया कि इस पर कुल एक लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना को सभी पक्षों से चर्चा और सुझावों के बाद तैयार किया गया है। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान ही इसका ऐलान पहले ही किया था।
युवाओं के लिए दो स्तर पर मदद
ELI योजना को दो प्रमुख हिस्सों में बांटा गया है: पहला, फर्स्ट टाइम जॉब होल्डर्स के लिए और दूसरा, सस्टेन्ड एम्प्लॉयमेंट के लिए।
इस योजना के तहत पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को मिलने वाले वेतन के बराबर सरकार अधिकतम ₹15,000 तक की सब्सिडी देगी। यह सब्सिडी दो किश्तों में दी जाएगी, पहली किश्त छह महीने बाद और दूसरी बार 12 महीने बाद। यह राशि सीधे कंपनी को दी जाएगी ताकि वे इन कर्मचारियों को नौकरी देने और बनाए रखने के लिए प्रेरित हो सकें।
कर्मचारियों को रोकने के लिए भी प्रोत्साहन
जो कंपनियां कर्मचारियों को लंबे समय तक बनाए रखती हैं, उन्हें सरकार प्रति कर्मचारी ₹3,000 मासिक तक का समर्थन दो सालों तक देगी। इससे संगठनों को स्थायी रोजगार देने के लिए प्रेरणा मिलेगी और रोजगार का स्थायित्व बढ़ेगा।
इस योजना का विशेष जोर विनिर्माण क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर) पर है। सरकार का मानना है कि यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की क्षमता रखता है। इसलिए कंपनियों को नई भर्तियों के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा ताकि देश में उत्पादन बढ़े और साथ ही युवाओं को नौकरियां भी मिलें।