Delhi High Court Verdict Againt Baba Ramdev: दिल्ली हाईकोर्ट में आज बाबा रामदेव के खिलाफ डॉक्टरों द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई हुई और हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव के खिलाफ आदेश सुनाया। हाईकोर्ट की बेंच ने बाबा रामदेव को अपना दावा वापस लेने के आदेश दिए। साथ ही निर्देश दिया कि चाहे कैसे भी लें, अपना दावा और बयान सोशल मीडिया से वापस लें और 3 दिन के अंदर ऐसा करें।
बता दें कि बाबा रामदेव ने एलोपैथी को कोरोना से होने वाली मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया था और कोरोनिल को कोरोना का सबसे बेहतरीन इलाज बताते हुए प्रचारित किया था। इस दावे के खिलाफ दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने याचिका दायर की थी। जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की बेंच ने फैसला सुनाया।
---विज्ञापन---Delhi High Court orders Baba Ramdev and Acharya Balkrishna to take down all claims blaming allopathy doctors for deaths of lakhs of people during Covid-19 pandemic and promoting Patanjali’s Coronil as a cure.#BabaRamdev @yogrishiramdev #Doctors #Coronil #Defamation pic.twitter.com/9qPNDSkzHc
— Bar and Bench (@barandbench) July 29, 2024
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर दिया फैसला
जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गत 21 मई को हुई सुनवाई में फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज बेंच ने फैसला सुनाया और कहा कि डॉक्टरों की याचिका स्वीकार की जाती है। बाबा रामदेव और उनकी कंपनी द्वारा किए गए दावे सोशल मीडिया साइटों से हटाए जाएं। 3 दिन के अंदर ऐसा करना होगा और रिपोर्ट सबमिट करानी होगी। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) की ओर से दी गई याचिका में एक दलील दी गई।
इसमें बताया गया कि बाबा रामदेव की कंपनी ने कोरोना की एक वैक्सीन कोरोनिल बनाई है, जिसे लेकर आए दिन सोशल मीडिया पर झूठे दावे किए जा रहे हैं। कोरोनिल को कोरोना की वैक्सीन बताकर प्रचारित किया जा रहा है, जबकि यह इम्युनिटी बूस्टर है और इसका लाइसेंस भी इम्यूनिट बूस्टर के नाम पर रजिस्टर्ड है। बाबा रामदेव अपने प्रोडक्ट्स की बिक्री बढ़ाने के लिए इस तरह के दावे कर रहे हैं। रामदेव और पतंजलि इस की एक्टिविटी पर रोक लगाई जानी चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट रोक चुकी पतंजलि के 14 उत्पादों की बिक्री
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट भी बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि में बने 14 प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक लगा चुकी हैं। गत 9 जुलाई को ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) याचिका दायर करके उत्पादों के भ्रामक विज्ञापन देने के आरोप लगाए थे। उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने अप्रैल 2024 में पतंजलि के उत्पादों के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिए थे। उसके बाद जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया। साथ ही बाबा रामदेव और पतंजलि को सभी भ्रामक विज्ञापन वापस लेने का आदेश भी दिया गया। जस्टिस हिमा कोहली और संदीप मेहता की बेंच ने आदेश दिया और 15 दिन में विज्ञापन हटाकर एफिडेविट जमा कराने को कहा। केस की अगली सुनवाई 30 जुलाई को है।
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