Delhi HC Plea Against Nursing Course Rule: दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। इस याचिका में मौजूदा समय के उस नियम को रद्द करने की मांग की गई है, जिसके तहत केवल महिला ही B.Sc. (Hons.) में नर्सिंग की पढ़ाई कर सकती है। इस याचिका में AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) द्वारा संचालित दिल्ली विश्वविद्यालय और गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के नर्सिंग कॉलेजों में पढ़ाई के लिए सिर्फ महिलाओं को योग्य मानने वाले नियम को भी बदलने की मांग की गई है।
याचिका की मांग
हाईकोर्ट में ये याचिका एक गैर-सरकारी पंजीकृत संस्था, इंडिया प्रोफेशनल नर्सेज एसोसिएशन (IPNA) की तरफ से वकील रॉबिन राजू ने दायर की है। याचिका में भारत संघ और दिल्ली सरकार को B.Sc. (H) नर्सिंग की पढ़ाई को लेकर एक नया नियम लाने पर विचार करने का निर्देश देने की मांग की गई है। जिसके जरिए सभी जैंडर के लोगों को B.Sc. (H) नर्सिंग की पढ़ाई करने का मौका मिल सके।
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नियम भेदभाव भरा हुआ
याचिका में कहा गया है कि B.Sc. (H) नर्सिंग की पढ़ाई को लेकर मौजूदा नियम भेदभाव भरा हुआ है। साथ ही ये नियम इस तथ्य को भी नजरअंदाज करता है कि नर्सिंग एक विकसित पेशा है जिसे किसी भी जेंडर का व्यक्ति अपना सकता है। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि केरल उन राज्यों में से एक है जहां नर्सिंग को वास्तव में ऐसा क्षेत्र माना जाता है जहां टैलेंट हासिल करने की क्षमता को जेंडर से ऊपर मान माना जाता है। केरल सरकार ने हाल ही में राज्य में नर्सिंग की पढ़ाई में ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए आरक्षण की भी घोषणा की है।
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हेल्थ सर्विस सेक्टर में नर्सों की कमी
याचिका के अनुसार, नर्सिंग एक ऐसा पेशा है जो समय के साथ विकसित हुआ है और आज देश भर में कई निजी नर्सिंग कॉलेज सभी जेंडर के व्यक्तियों को नर्सिंग की पढ़ाई करने का करने मौका दे रहे हैं। इसके अलावा देश का हेल्थ सर्विस सेक्टर में नर्सों की कमी का सामना कर रहा है और इसलिए सभी लिंगों के लिए नर्सिंग पेशे के दरवाजे खोलना महत्वपूर्ण है।