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सिंगल ट्रांसफरेबल वोट बदल सकता है उपराष्ट्रपति चुनाव का ‘खेल’, जानें चुनाव की पूरी प्रक्रिया

Vice Presidential Poll: उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल का होता है। इसमें प्रोपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन के तहत सिंगल ट्रांसफरेबल वोट का यूज किया जाता है। ये एक तरह का बहु-विजेता रैंक वाला वोटिंग इलेक्टोरल सिस्टम है।

Author Written By: Amit Kasana Author Published By : Amit Kasana Updated: Aug 20, 2025 14:10
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CP Radhakrishnan Nomination: एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन हैं, उन्होंने अपना नामांकन 20 अगस्त को दाखिल कर दिया है। हाल ही में इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना है। बता दें उपराष्ट्रपति पद का चुनाव 9 सितंबर को होगा। उसी दिन इसके परिणाम भी घोषित किए जाएंगे।

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे देने के बाद ये चुनाव हो रहे हैं। धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया था। यहां बता दें कि नियमों के अनुसार यदि उपराष्ट्रपति का पद इस्तीफे, हटाए जाने या तत्तकालीन उपराष्ट्रपति की मृत्यु के कारण खाली होता है तो संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार 6 महीने के अंदर चुनाव कराना अनिवार्य होता है।

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उपराष्ट्रपति चुनाव की मतदान प्रक्रिया क्या, क्या होता है Single Transferable Vote

जानकारी के अनुसार इंडिया में उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल का होता है। उपराष्ट्रपति का चुनाव गुप्त मतदान के माध्यम से होता है। इसमें प्रोपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन के तहत सिंगल ट्रांसफरेबल वोट का यूज किया जाता है। दरअसल, ट्रांसफरेबल वोट में वोटर उम्मीदवारों को रैंक करते हैं, अगर उनके पसंद का उम्मीदवार हट जाता है तो उनका वोट उनकी पसंद के दूसरे उम्मीदवार को ट्रांसफर कर दिया जाता है। ये एक तरह का बहु-विजेता रैंक वाला वोटिंग इलेक्टोरल सिस्टम है।

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निर्वाचक मंडल द्वारा कराया जाता है उपराष्ट्रपति का चुनाव

दिल्ली हाई कोर्ट के वकील देवेंद्र कुमार डेढ़ा ने बताया कि उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल द्वारा कराया जाता है, जो दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों से मिलकर बनता है। इस मंडल में नामित सांसद भी शामिल होते हैं, लेकिन विधानसभा सदस्य नहीं होते हैं। बता दें वर्तमान में निर्वाचक मंडल में कुल 782 सांसद हैं, जिनमें से लोकसभा में 543 और राज्यसभा में 233 निर्वाचित + 12 नामित सांसद हैं।

नामांकन दाखिल करते हुए 20 सांसद होने चाहिए प्रस्तावक

उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति के रूप में भी काम करते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 21 अगस्त अंतिम तारीख है। इसके बाद 22 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच होगी और फिर 25 अगस्त तक उम्मीदवार अपने नामांकन वापस ले सकते हैं। यहां बता दें कि नामांकन के दौरान उम्मीदवार को 20 सांसदों द्वारा प्रस्तावक और 20 सांसदों द्वारा समर्थक के रूप में हस्ताक्षर के साथ नामांकन दाखिल करना होता है।

ये भी पढ़ें: उपराष्ट्रपति चुनाव में क्या कहता है नंबर गेम, NDA के पास बहुमत फिर कांग्रेस से क्यों मांगा समर्थन?

First published on: Aug 20, 2025 09:40 AM

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