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2 अहम साथियों के साथ बन गई सीट बंटवारे पर बात; क्या कांग्रेस का संकट भी हुआ खत्म?

Congress Political Crisis: कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के साथ सीट बंटवारे के फॉर्मूला को अंतिम रूप दे दिया है। लेकिन, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में यह संकट अभी भी नहीं सुलझ पाया है। इन राज्यों में कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच सीट बंटवारे पर बात नहीं बन पा रही है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Feb 25, 2024 14:00
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सांकेतिक तस्वीर

Congress Political Crisis : लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर सहयोगी दलों के साथ बातचीत के शुरुआती दौर में चुनौतियों का सामना करने वाली कांग्रेस ने आखिरकार दो अहम सहयोगियों के साथ मामला निपटा लिया है। आम आदमी पार्टी (आप) और समाजवादी पार्टी (सपा)) के साथ कांग्रेस की सीट बंटवारे की बात पूरी हो गई है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस का संकट भी धीरे-धीरे अब खत्म होने की राह पर है। लेकिन, असल में ऐसा है नहीं। दरअसल, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में उसे अभी भी सीट बंटवारे का मुद्दा सुलझाना है और यहां उसकी राह आसान नहीं दिख रही है।

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लोकसभा चुनाव अब ज्यादा दूर नहीं बचे हैं। देश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसके लिए इंडिया गठबंधन बनाया है जिसमें कई क्षेत्रीय दल शामिल हैं जो भाजपा सरकार का विरोध करने वाले हैं। इंडिया गठबंधन की ओर से अभी चुनाव अभियान शुरू नहीं किया गया है। उसके सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा है, जो पिछले दो लोकसभा चुनाव जीत चुकी है और लगातार तीसरी बार जीतने की कोशिश में है। कांग्रेस दावे तो खूब कर रही है लेकिन अपने साथी राजनीतिक दलों के साथ ही सीट बंटवारे को लेकर उसकी बात बन नहीं पाई है। दिल्ली और यूपी में भी बड़ी मुश्किल के बाद सीट बंटवारा हो पाया है।

बंगाल में कैसी स्थिति है?

पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कांग्रेस पार्टी के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी का कहना है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की 2 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसलिए इस बार उसे 2 सीटों पर ही चुनाव लड़ना चाहिए। वहीं, कांग्रेस ज्यादा सीटों की मांग पर अड़ी हुई है। टीएमसी कई बार कह चुकी है कि अगर कांग्रेस 2 सीटों से संतुष्ट नहीं है तो हम लोकसभा चुनाव में अकेले उतरने के लिए तैयार हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार कांग्रेस ने टीएमसी से 10 सीटों की मांग की थी लेकिन टीएमसी ने इससे साफ इनकार किया है।

 

महाराष्ट्र में कैसा है हाल?

इंडिया गठबंधन महाराष्ट्र में भी सीट बंटवारे को अभी तक अंजाम तक नहीं पहुंचा पाया है। हालांकि, कहा जा रहा है कि कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी के बीच इसे लेकर आखिरी दौर की वार्ता हो रही है। समस्या यहां भी वही है। कांग्रेस जितनी सीटें चाहती है, बाकी के दल उस पर तैयार नहीं हो रहे हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत तो यहां तक कह चुके हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस ने एक भी सीट नहीं जीती थी। इसलिए कांग्रेस को सीट बंटवारे की वार्ता की शुरुआत जीरो के साथ करनी चाहिए। शिवसेना उन सीटों पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं है जिन पर उसने जीत हासिल की थी।

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Gaurav Pandey

First published on: Feb 25, 2024 02:00 PM

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