Lok Sabha Election 2024: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम को ठीक नहीं किया गया तो भारतीय जनता पार्टी 400 से ज्यादा सीटें जीतेगी।
‘भारत का भविष्य तय करेगा लोकसभा चुनाव’
न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ एक वीडियो इंटरव्यू के दौरान पित्रोदा ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव भारत का भविष्य तय करेगा। बता दें कि विपक्षी नेता लगातार ईवीएम पर सवाल उठाते आ रहे हैं।
STORY | If EVMs not 'fixed' before Lok Sabha polls, BJP can win over 400 seats: Sam Pitroda
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(PTI File Photo) pic.twitter.com/u6ctY0qUuf
— Press Trust of India (@PTI_News) December 28, 2023
‘वीवीपैट के कारण लोगों में अविश्वास’
पित्रोदा ने कहा कि चुनाव पर नागरिक आयोग की एक रिपोर्ट है। अगर आप इस रिपोर्ट को पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि ये मामला कितना गंभीर है। इस रिपोर्ट पर 6,500 नागरिकों ने हस्ताक्षर किए हैं। वीवीपैट के कारण लोगों में विश्वास नहीं है।
#WATCH | On the EVM issue raised by opposition leaders & possibility of voting machines being rigged, Chairman Indian Overseas Congress, Sam Pitroda says, "The answer is yes, mainly because of VVPAT (Voter Verifiable Paper Audit Trail) is introduced, attached, working and it… pic.twitter.com/2dxSSNBBVK
— ANI (@ANI) December 26, 2023
‘ईवीएम के खिलाफ आंदोलन करें सभी दल’
सैम पित्रोदा ने कहा कि ईवीएम को अपने हिसाब से कंट्रोल किया जा सकता है। सभी दलों को ईवीएम के खिलाफ आंदोलन चलाना चाहिए। उन्हें हस्ताक्षर और जागरुकता अभियान भी चलाना चाहिए। अगर जरूरत पड़े तो नौजवानों को इसके खिलाफ सड़क पर उतरकर आंदोलन करना चाहिए।
EVM और सैम पित्रोदा!
सैम पित्रोदा, भारत में दूरसंचार क्रांति के जनक हैं. सैम का पूरा नाम सत्यनारायण पित्रोदा हुआ करता था, जो अमेरिका में काम करने के दौरान चेक पर बड़ा नाम होने के चलते बदल कर सैम कर दिया गया.
सैम 1980 में अमेरिका में दुनिया की पहली डिजिटल कंपनियों में से एक… pic.twitter.com/0ffdANHcKT— Dayashankar Mishra (@DayashankarMi) December 24, 2023
‘वीवीपैट मशीन को ईवीएम से जोड़ने के बाद शुरू हुई समस्या’
पित्रोदा का कहना है कि जब वीवीपैट मशीन को ईवीएम के साथ जोड़ा गया था, तभी से समस्या शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि वीवीपैट एक अलग डिवाइस है। इसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर होता है। ईवीएम से वीवीपैट को जोड़ने के लिए एक स्पेशल कनेक्टर एसएलयू का इस्तेमाल किया जाता है, जो कई सवाल खड़े करता है।
‘ईवीएम में छेड़छाड़ की जा सकती है’
कांग्रेस नेता ने कहा कि एसएलयू कनेक्टर ही वीवीपैट में यह दिखाता है कि किस बटन से बीजेपी को वोट मिला और किस बटन से कांग्रेस को या अन्य दलों को। उन्होंने कहा कि मतदान से पहले इसे प्रोग्राम किया जाता है। जब एसएलयू को ईवीएम से जोड़ा जाता है तो वह स्टैंड अलोन मशीन नहीं रह जाती है। इसमें छेड़छाड़ की जा सकती है।
सैम पित्रोदा ने कहा कि वीवीपैट से जो पर्ची निकलती है, वह अभी थर्मल प्रिंटर से निकलती है। उसे कुछ हफ्ते तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है। इसलिए हम चाहते हैं कि उसकी जगह ऐसा प्रिंटर इस्तेमाल किया जाए, जिससे निकली पर्ची को अगले पांच साल तक सुरक्षित रखा जा सके।
‘पर्ची को प्रिंट कराकर वोटर को दिया जाए’
पित्रोदा ने कहा कि दूसरा बिंदु यह है कि इस पर्ची को कागज पर प्रिंट कराकर वोटर को दिया जाए, जिसे वह अलग से रखे एक बॉक्स में वोट के रूप में डाल सके। यह बॉक्स किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से जुड़ा न हो। इसके बाद ही बक्से में डाली गई वोट की पर्चियों की गिनती की जाए।
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