---विज्ञापन---

संसद, सेंगोल और सियासत: ‘बोगस है सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक की कहानी…’, जयराम रमेश का दावा, अमित शाह बोले-‘परंपराओं से नफरत क्यों?’

नई दिल्ली: इस समय देश में ‘नई संसद’ और ‘सेंगोल’ पर चर्चा खूब हो रही है और सियासत भी। शुक्रवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ब्रिटिश सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर सेंगोल मिलने की कहानी को झूठा करार दे दिया। उन्होंने कहा कि सेंगोल को लेकर कोई दस्तावेजी प्रमाण भी नहीं है। […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Jun 2, 2023 14:19
Share :
Jairam Ramesh, Akhilesh Yadav, Sengol In New Parliament, Amit Shah, Hardeep Singh Puri
Sengol Row

नई दिल्ली: इस समय देश में ‘नई संसद’ और ‘सेंगोल’ पर चर्चा खूब हो रही है और सियासत भी। शुक्रवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ब्रिटिश सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर सेंगोल मिलने की कहानी को झूठा करार दे दिया। उन्होंने कहा कि सेंगोल को लेकर कोई दस्तावेजी प्रमाण भी नहीं है।

इस पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पलटवार किया है। हरदीप पुरी ने प्रमाण के तौर पर अमेरिका की टाइम पत्रिका में छपे एक लेख को पेश किया। उन्होंने कहा कि जो लोग नई संसद के उद्घाटन के खिलाफ हैं और सेंगोल पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें अपना ज्ञान बढ़ाना चाहिए। फिलहाल इस सियासत में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी कूद आए हैं। उन्होंने कहा कि सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक है। लगता है भाजपा ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है।

जयराम रमेश ने कहा- झूठी बातों से अपवित्र हो रहा संसद

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि नई संसद को वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी के झूठी बातों से अपवित्र किया जा रहा है। एक बार फिर भाजपा और आरएसएस के ढोंगियों का पर्दाफाश हो गया है। कांग्रेस ने चार लोगों के सामने चार बातें रखी हैं-

  • तत्कालीन मद्रास प्रांत के एक धार्मिक प्रतिष्ठान ने 1947 में देश के पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू को एक राजसी राजदंड (सेंगोल) सौंपा था।
  • माउंटबेटन, राजाजी और नेहरू द्वारा इस राजदंड को भारत में ब्रिटिश सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में वर्णित करने का कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है। भाजपा ने जो दावे किए वो बोगस हैं। कुछ लोगों के दिमाग की उपज है, जो वॉट्सऐप पर फैलाया जा रहा है। सी राजगोपालाचारी को जानने वाले विद्वानों ने सेंगोल पर किए जा रहे दावों पर हैरानी जताई है।
  • सेंगोल को इलाहाबाद संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए रखा गया था। 14 दिसंबर, 1947 को नेहरू ने वहां जो कुछ कहा, वह सार्वजनिक रिकॉर्ड का मामला है।
  • सेंगोल का इस्तेमाल अब पीएम और उनके लोग तमिलनाडु में अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं। यह इस ब्रिगेड की विशेषता है जो अपने विकृत उद्देश्यों के अनुरूप तथ्यों को उलझाती है।
  • असली सवाल यह है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नई संसद का उद्घाटन करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है?

शाह ने कहा- कांग्रेस शैव मठ का अपमान किया

कांग्रेस नेता जयराम रमेश के दावों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पलटवार किया। शाह ने पूछा कि कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है? गृह मंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि तमिलनाडु के एक पवित्र शैव मठ ने पंडित नेहरू को भारत की आजादी के प्रतीक के रूप में एक पवित्र सेंगोल दिया था। लेकिन इसे ‘चलने की छड़ी’ के रूप में एक संग्रहालय में भेज दिया गया।

यह भी पढ़ें: Sengol: मैं उस वक्त 14 साल का था, भावुक हुए सेंगोल के निर्माता, जानें कितने दिन में बनकर हुआ था तैयार?

शाह ने कहा कि अब कांग्रेस ने एक और शर्मनाक अपमान किया है। पवित्र शैव मठ थिरवदुथुराई अधीनम ने स्वयं भारत की स्वतंत्रता के समय सेंगोल के महत्व के बारे में बात की थी। कांग्रेस अधीनम के इतिहास को झूठा बता रही है। कांग्रेस को अपने व्यवहार पर विचार करने की जरूरत है।

और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें

First published on: May 26, 2023 04:42 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें