Manipur Violence Updates: म्यांमार में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले भारतीय सेना के अधिकारी नेक्टर संजेनबम को मणिपुर में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उन्हें मणिपुर सरकार ने पांच साल के कार्यकाल के लिए पुलिस विभाग में वरिष्ठ अधीक्षक (लड़ाकू) नियुक्त किया है। वे अब अशांत मणिपुर को शांत बनाने में सरकार का सहयोग करेंगे। 2015 में भारत ने म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक किया था। आतंकी ठिकानों को नेस्तानाबूत कर दिया था। उस सर्जिकल स्ट्राइक में संजेनबम भी शामिल थे।
सेना से रिटायर हो चुके हैं संजेनबम
मणिपुर सरकार ने 24 अगस्त को कर्नल (सेवानिवृत्त) नेक्टर संजेनबम को पांच साल के कार्यकाल के लिए मणिपुर पुलिस विभाग में वरिष्ठ अधीक्षक (लड़ाकू) नियुक्त किया। सेना अधिकारी ने 21 पैरा (विशेष बल) में सेवा की है और उन्हें शांतिकाल में दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र और तीसरा सबसे बड़ा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। शौर्य चक्र का पुरस्कार उन्हें सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सावधानीपूर्वक योजना, अनुकरणीय वीरता, साहसिक और साहसी कार्रवाई के लिए मिला था। संजेनबम की नियुक्ति की जानकारी मणिपुर के संयुक्त सचिव (गृह) ने 28 अगस्त को जारी एक लेटर के जरिए दी है। 12 जून को कैबिनेट की बैठक में उनकी नियुक्ति का निर्णय लिया गया था।
तीन मई को भड़की थी हिंसा
मणिपुर में मैतेई समुदाय को हाईकोर्ट के आदेश पर आरक्षण मिला था। इसके विरोध में तीन मई को कुकी समुदाय ने मार्च निकाला। यह विरोध तब हिंसक हो गया जब चूरनचंदपुर और बिष्णुपुर जिले के बीच सीमा के पास कुकी और मेइटिस के बीच झड़प हो गई, जिससे अशांति फैल गई। अब तक 170 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, पिछले पांच दिनों में मैतेई बहुल घाटी क्षेत्रों और कुकी बहुल पहाड़ियों के बीच सीमावर्ती इलाकों में गोलीबारी और विस्फोटों की घटनाओं में कम से कम एक दर्जन लोगों की मौत हो गई है और 30 से अधिक घायल हो गए हैं।
जून 2015 में म्यांमार में हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक
जून 2015 में भारतीय सेना ने म्यांमार में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। भारतीय सेना ने आतंकियों को मार गिराया था। दो पोस्ट तबाह कर दिए गए थे। सेना के जवान जमीन के बल लेटकर आतंकियों के कैंपों में घुसे थे। इसके बाद ग्रेनेड फेंक दिया था। रॉकेट लॉन्चर से भी आतंकियों के ठिकानों पर हमले किए गए थे।
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