Chinook helicopter precautionary landing in punjab: इंडियन एयरफोर्स के हैवी लिफ्टिंग चिनूक हेलीकॉप्टर की रविवार को पंजाब के बरनाला में एहतियातन लैंडिंग की गई है। एयरफोर्स अधिकारियों के अनुसार तकनीकी खराबी के आने पर अचानक हैलीकॉप्टर को खेत में उतारा गया है। इस पूरी घटना में अभी तक किसी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। एयरफोर्स अधिकारियों ने कहा कि घटना में चालक दल और हेलिकॉप्टर पूरी तरह सुरक्षित है। यह लैंडिंग सुरक्षा कारणों से की गई थी। जानकारी के अनुसार इंडिया के पास एक दर्जन से अधिक चिनूक हेलिकॉप्टर हैं।
A Chinook helicopter of the Indian Air Force made a precautionary landing in an open field in Punjab around the Barnala area due to a technical snag. The crew and the chopper are safe: IAF officials
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) February 18, 2024
चिनूक हेलीकॉप्टर का दूसरा नाम ‘देवदूत’ बचाव कार्य में आता है काम
जानकारी के अनुसार चिनूक हेलीकॉप्टर का दूसरा नाम ‘देवदूत’ है। इसका इस्तेमाल किसी भी हैवी ट्रांसपोर्ट को लाने-ले जाने, प्राकृतिक आपदा, युद्ध या किसी अन्य कारणों से बड़ी संख्या में कहीं फंसे लोगों को एयरलिफ्ट करने या अन्य भारी सामान को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के लिए किया जाता है। एक समय में इसमें 30 से 50 लोग तक आ सकते हैं। यह मल्टीपर्पज हैलीकॉप्टर है।
दिखने में किसी अंतरिक्ष यान की तरह है चिनूक हेलीकॉप्टर
दिखने में किसी अंतरिक्ष यान की तरह चिनूक हेलीकॉप्टर में आगे और पीछे दो पंखे लगे रहते हैं। जानकारों के अनुसार इंडियन एयरफोर्स के पास CH-47F वैरिएंट के चिनूक हेलीकॉप्टर है। विश्वभर की वायुसेना चिनूक हेलीकॉप्टर का यूज आपदा आने पर बचाव कार्य या फिर किसी युद्ध के दौरान मिलिट्री ऑपरेशन के लिए किया जाता है। राहत कार्य के लिए बड़ी मात्रा में सामान उठाने में सक्षम यह हेलीकॉप्टर एक बार में बड़ी आसानी से करीब 11000 Kg वजन आसानी से उठा सकता है। अमेरिका समेत ग्लोबल मार्केट में साल 1961 में पहली बार इसे दुनिया के सामने पेश किया गया था। जानकारी के अनुसार इस हेलीकॉप्टर की लंबाई करीब 98 फीट है। अमेरिका ने इसका कई बार अफगानिस्तान और इराक में अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए यूज किया है।
चिनूक हेलीकॉप्टर के बारे में यह जानना भी है जरूरी
- साल 2004 में इंडोनेशिया में आई सुनामी और 2005 में कश्मीर के भूकंप में इसका यूज किया गया था।
- एक बार टंकी फुल होने पर यह तकरीबन 740 Km तक बड़ी आसानी से उड़ सकता है।
- इंडिया के अलावा अमेरिका, इटली, कनाडा, दक्षिण कोरिया और जापान आदि देशों पास भी चिनूक हेलीकॉप्टर हैं।
- इसमें बोफोर्स टैंक को भी ले जाया जा सकता है।
- इस हेलिकॉप्टर की रफ्तार 315 kmph है।