China 5 Finger Policy: भारत और चीन के बीच 75 प्रतिशत सीमा विवाद खत्म हो चुका है। कुछ दिन पहले विदेश मंत्री के इस बयान के बाद लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं था। ड्रैगन का बदला रवैया हैरान करने वाला था। हालांकि विदेश मंत्री ने इस बयान के मायने अब साफ कर दिए हैं। उनका कहना है कि 75 प्रतिशत बॉर्डर डिस्प्यूट सॉल्व होने का मतलब है कि चीन ने वहां से अपने सैनिक हटा लिए हैं। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि चीन ने सीमा विवाद को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।
विदेश मंत्री का बयान
अमेरिका के न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जब मैंने 75 प्रतिशत मामले सुलझ गए हैं तो इसका मतलब है कि सैनिक पीछे हट कर गए हैं। वास्तव में यह समस्या का सिर्फ एक हिस्सा है। मगर चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं। गश्त के कुछ मुद्दों को हल करने की जरूरत है, जिससे युद्ध की स्थिति को टाला जा सके।
#WATCH | New York: During the Asia Society at the Asia Society Policy Institute, EAM Dr S Jaishankar says, “We have a difficult history with China… Despite the explicit agreements we had with China, we saw in the middle of covid that the Chinese moved large number of forces in… pic.twitter.com/vNyfWTZrJY
— ANI (@ANI) September 24, 2024
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मैकमोहन लाइन को नहीं दी मान्यता
बता दें कि चीन, भारत के कई हिस्सों पर अपना दावा ठोंकता है। भारत और चीन की सीमा मैकमोहन लाइन को भी चीन नहीं मानता है। 1962 युद्ध के बाद से ही चीन लद्दाख से सेट अक्साई चीन इलाके पर कब्जा करके बैठा है। वहीं गलवान से लेकर डोकलाम जैसी कई जगहों पर चीन अक्सर अपने सैनिक भेज देता है। आखिर इसकी क्या वजह है?
क्या है 5 फिंगर पॉलिसी
भारत और चीन के सीमा विवाद असली कारण चीन की विस्तारवादी नीति है। दरअसल 5 फिंगर पॉलिसी चीन का सपना है, जिसे वो अमली जामा पहनाना चाहता है। अब आप सोच रहे होंगे कि भला यह 5 फिंगर पॉलिसी क्या है? तो हम आपको बता दें कि चीन खुद को हाथ का पंजा मानता है। मगर चीन की 5 उंगलियां- लद्दाख, नेपाल, भूटान, सिक्किम और NEFA यानी अरूणाचल प्रदेश है। चीन इन सभी इलाकों पर अपना दावा ठोंकता है।
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