---विज्ञापन---

Chandrayaan-3: इतिहास रचने जा रहा भारत; चंदा मामा के और करीब पहुंचा हमारा यान

Chandrayaan-3, नई दिल्ली: सभी भारतीयों की निगाहें चंद्रयान-3 पर टिकी है। इस क्रम में भारत का चंद्रयान-3 चांद की ड्योढ़ी तक पहुंच गया है। यान की कक्षा सोमवार को एक बार फिर घटाई गई। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह से यान की अधिकतम दूरी अब सिर्फ 163 किलोमीटर है। पांच अगस्त को चंद्रमा की […]

Edited By : Balraj Singh | Updated: Aug 16, 2023 14:47
Share :
Chandrayaan-3, नई दिल्ली: सभी भारतीयों की निगाहें चंद्रयान-3 पर टिकी है। इस क्रम में भारत का चंद्रयान-3 चांद की ड्योढ़ी तक पहुंच गया है। यान की कक्षा सोमवार को एक बार फिर घटाई गई। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह से यान की अधिकतम दूरी अब सिर्फ 163 किलोमीटर है। पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा तीसरी बार बदली गई है।
भारत का चंद्रयान-3 चांद की ड्योढ़ी तक पहुंच गया है। यान की कक्षा सोमवार को एक बार फिर घटाई गई। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह से यान की अधिकतम दूरी अब सिर्फ 163 किलोमीटर है।
भारत का चंद्रयान-3 चांद की पोर्च तक पहुंच गया है। यान की कक्षा सोमवार को एक बार फिर घटाई गई। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह से चंद्रयान की अधिकतम दूरी अब सिर्फ 163 किलोमीटर है। पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा तीसरी बार बदली गई है। इससे पहले छह और नौ अगस्त को कक्षा बदली गई थी। कक्षा घटाने की अगली प्रक्रिया 16 अगस्त को सुबह 8:30 बजे के आसपास पूरी करने की योजना है।
इस मिशन के आगे बढ़ने के साथ ही ‘चंद्रयान-3’ की कक्षा को धीरे-धीरे कम करने और इसकी स्थिति चंद्र ध्रुवों के ऊपर करने के लिए इसरो द्वारा कवायद की जा रही है। 16 अगस्त को 100 किलोमीटर की कक्षा तक पहुंचाने के लिए एक बार फिर कक्षा घटाई जाएगी। बता दें 23 अगस्त को चंद्रयान के लैंडर-रोवर की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। 14 जुलाई को रवाना हुआ चंद्रयान पृथ्वी की अलग अलग कक्षाओं में चक्कर लगाने के बाद पहली अगस्त को स्लिंगशाट के बाद पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की कक्षा की ओर बढ़ा था।

First published on: Aug 16, 2023 02:47 PM
संबंधित खबरें