Special sky bus project: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से स्काई बस चलाने का प्लान 5 शहरों में तय किया गया है। जिसके बाद सिर्फ दो साल में इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ा दिया जाएगा। केंद्र का प्लान वाराणसी, पुणे, हैदराबाद, गुरुग्राम और गोवा में स्काई बस चलाने का है। अब शहरी ट्रांसपोर्ट में स्काई बस के शामिल होने से आवागमन और सुविधाजनक हो जाएगा। अधिकारियों से ओर से पुष्टि की गई है। बताया गया है कि साल के अंत तक गोवा के मडगांव में ट्रायल रन को पूरा किया जा सकता है।
2016 में ट्रैक से हटा लिए गए थे पिलर
इस रूट की प्लानिंग पहले ही तैयार कर ली गई थी। लेकिन बाद में ट्रैक और पिलर 2016 में हटा लिए गए थे। उस समय ये प्रोजेक्ट रेलवे के अंडर था। लेकिन अब नितिन गडकरी के मंत्रालय सड़क परिवहन को इसकी जिम्मेदारी मिली है। ट्रांसपोर्ट के रोड ट्राम मोड में स्काई बस रहेगी। स्काई बस के लिए जमीन अधिग्रहण का काम किया जाना है। इसके रूट को बनाने के लिए सड़कों के बीच डिवाइडर खड़े करने होंगे। पिलर तैयार होने के बाद सेवा शुरू होगी।
ट्रैक पिलर में पटरियां लगाई जाती हैं, जिसके बाद एक साथ 3 बोगी जुड़ सकती हैं। जिसके पहिए ऊपर की ओर हुक के जरिए ट्रैक पर रखे जाते हैं। बोगी नीचे होती है, यह बस 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक चल सकती है। जिसका खर्चा काफी कम है। माना जा सकता है कि मेट्रो से ये 50 प्रतिशत तक सस्ती होती है। एक बार में बोगी में 300 लोग सफर कर सकते हैं। खास बात है कि ट्रेन को अप से डाउन लाइन पर लाने के लिए कोई एक्सट्रा लाइन की जरूरत नहीं होती है।
पटरियां खुद हो जाती हैं शिफ्ट
खुद इस प्रक्रिया के दौरान पटरी अपने आप शिफ्ट हो जाती है। टेक्निकल लैंग्वेज में इस ट्रावर्सर कहा जाता है। बी राजाराम को भारत में स्काई बस का जनक माना जाता है। जो कोंकण रेलवे के डायरेक्टर रहे हैं। 2004 में उन्होंने ही गोवा के मडगांव में ट्रैक बनाया था। जिसकी लंबाई 1.6 किलोमीटर थी। लेकिन इसके ट्रायल के दौरान एक्सीडेंट में एक इंजीनियर की डेथ हो गई थी। जिसके बाद प्रोजेक्ट को रोकने का फैसला लिया गया था।