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किस कैबिनेट मंत्री को मिलेगा संघ का आशीर्वाद! BJP का अगला अध्यक्ष कौन? महिला की भी प्रबल है दावेदारी

4 अप्रैल तक संसद का बजट सत्र है, इसके बाद 18 से 20 अप्रैल तक बेंगलुरु में बीजेपी की नेशनल एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक होनी है। ऐसे में संभावना है कि 4 अप्रैल से 17 अप्रैल के बीच बीजेपी अपने नए अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है।

Author Reported By : Abhishek Mehrotra Edited By : Amit Kasana Updated: Mar 25, 2025 17:57

बीजेपी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? 21 मार्च को बेंगलुरू में आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा तेज हो गई है। दरअसल, इस बैठक से पहले ये खबर आई थी कि नए अध्यक्ष पर आरएसएस और बीजेपी आलाकमान एक मत नहीं हैं। लेकिन हाल ही में हुई बैठक के बाद आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) के सर सहकार्यवाह अरुण कुमार ने मीडिया में बयान देते हुए स्पष्ट कहा कि संघ और बीजेपी के बीच इस बात को लेकर कोई असहमति नहीं है।

फिलहाल 4 अप्रैल तक संसद का बजट सत्र है, इसके बाद 18 से 20 अप्रैल तक बेंगलुरु में बीजेपी की नेशनल काउंसिल की बैठक होनी है। ऐसे में संभावना है कि 4 अप्रैल से 17 अप्रैल के बीच बीजेपी अपने नए अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है। बीजेपी सूत्रों की मानें तो नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कई नाम चर्चा में हैं। इनमें भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान अब फ्रंट रनर बताए जा रहे हैं।

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भूपेंद्र यादव हैं पीएम मोदी और अमित शाह के करीबी

ओबीसी समाज से आने वाले भूपेंद्र यादव लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र के प्रभारी थे। महाराष्ट्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद उनका कद बढ़ा है। इससे पहले यादव कई राज्यों के प्रभारी रह चुके हैं, उनमें संगठन चलाने की कुशलता है। वर्तमान में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को 2010 में पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया था। वह पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी में उनकी गिनती होती है।

2020 की पुरानी वीडियो जब जेपी नड्डा ने संभाला था पदभार

 

धर्मेंद्र प्रधान ने 2007 में राष्ट्रीय राजनीति में बनाई अपनी पहचान

धर्मेंद्र प्रधान राष्ट्रीय राजनीति में उस समय चर्चा में आए थे जब 2007 में उन्हें पहली बार भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। वर्तमान में वह केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्रकृति गैस मंत्री हैं। 2012 में वह बिहार से राज्यसभा सांसद चुने गए थे। 2004 से लेकर 2009 तक वह लोकसभा में भी पार्टी का प्रतिनिधत्व कर चुके हैं। प्रधान को बीजेपी की नई पीढ़ी के नेताओं में गिना जाता है।

संघ की ओर से शिवराज के नाम को हरी झंडी 

बताया तो ये जा रहा है कि बस अब चंद दिनों का समय शेष है, बीजेपी को इन दोनों में से कोई ‘सुप्रीमो’ बन सकता है। वैसे इनके अलावा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और निर्मला सीतारमण भी अभी रेस से बाहर नहीं हुई हैं। इसके अलावा शिवराज सिंह चौहान का भी नाम अध्यक्ष पद के लिए सुर्खियों में है। माना जा रहा है कि संघ की ओर से शिवराज के नाम को हरी झंडी है, पर बीजेपी उनमें अपना नया ‘जेपी नड्डा’ नहीं देख पा रही है। बता दें वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को जून 2019 में बीजेपी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। जनवरी 2020 को उन्हें औपचारिक तौर पर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था।

चर्चा में शिवराज सिंह चौहान का नाम, महिला केंद्रीय मंत्री की दावेदारी भी मजबूत

राजनीतिक पंडितों की मानें तो शिवराज सिंह चौहान के नाम पर पार्टी के कई वरिष्ठ और नई पीढ़ी के नेता के तौर पर मजूबत समर्थन है। लेकिन अभी इस बारे में आलाकमान ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। जबकि आरएसएस का करीबी होने के चलते केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का भी नाम कुछ पुराने नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में धकेल रहे हैं। इस बीच दो महिला नेताओं की भी दावेदारी प्रबल नजर आ रही हैं। इनमें पहली हैं केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण जो अपने अनुभव और इन दिनों शीर्ष नेतृत्व की करीबी होने के चलते रेस में आगे हैं। वहीं, पार्टी का एक गुट राजस्थान की राजनीति से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को दूर करने के लिए उनका नाम भी अध्यक्ष पद की दौड़ में बता रहे हैं। बहरहाल ये तो आने वाले कुछ हफ्ते ही बताएंगे की बीजेपी अपनी पार्टी का नया ‘सरदार’ किसे चुनती हैं।

संघ का कितना रहता है दखलअंदाज

बीजेपी के नए अध्यक्ष के चुनने में संघ की कितनी चलती है, इसका अंदाजा उस समय के संघ प्रमुख के बयान होता है जब उन्होंने कहा था डी4 का कोई नेता बीजेपी प्रेजिडेंट नहीं हो सकता है। ये कहकर संघ ने साफ संदेश दे दिया था कि उसे दिल्ली का कोई ऐसा नेता स्वीकार नहीं, जो पंचसितारा संस्कृति का घोतक हो, ऐसे में उनको लो प्रोफाइल जनता के बीच का कोई नाम चाहिए था।

30 मार्च का मोदी का नागपुर दौरे में सब कुछ होगा ‘सेट’

जैसा कि विदित है कि बीजेपी का कोई प्रधानमंत्री पहली बार नागपुर में राष्ट्रीय स्वंयसेवक सघ के आधिकारिक कार्यक्रम में जा रहा है, तो ये माना जा रहा है कि पीएम संघ के साथ पार्टी और सरकार के रिश्तों को न सिर्फ मजबूत कर रहे हैं बल्कि सभी को ये संदेश भी दे रहे हैं कि संघ परिवार का हिस्सा ही है बीजेपी। बताया जा रहा है कि मोदी और मोहन भागवत की ये मुलाकात बीजेपी के अगले अध्यक्ष के नाम पर फाइनली मुहर लगा ही देगी। बस संघ ये चाहता है कि जो भी अगला प्रेजिडेंट हो वो संगठन का कुशल कार्यकर्ता हो, उम्र में ठीकठाक और किसी एक का येसमेन टाइप न हो। गौरतलब है कि पीएम मोदी के अमेरिकी एआई रिसचर के हालिया पोडकास्ट में जिस तरह उन्होंने बताया कि संघ ने कैसे उन्हें गढ़ा, कैसे संघ ने मेरे जीवन को संवारा, संघ के मूल्यों को समझ जीवन का असली मकसद समझ आया, ये दर्शाता है कि संघ की अहमियत को वो सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर सरकार को दृढ़ता दे रहे हैं।

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Amit Kasana

Reported By

Abhishek Mehrotra

First published on: Mar 25, 2025 04:17 PM

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