Bihar Caste Survey Economic Data 34% families Live on Daily income Of Rs 200: बिहार सरकार ने मंगलवार को राज्य की जाति जनगणना रिपोर्ट विधानसभा और विधानमंडल में पेश की। इसके बाद जातिवार जनगणना के आर्थिक और शैक्षणिक आंकड़े भी सामने आए। सर्वेक्षण के आर्थिक आंकड़ों के अनुसार, बिहार में लगभग एक करोड़ परिवार रोजाना सिर्फ 200 रुपए या उससे कम की कमाई पर गुजारा करते हैं। वहीं, 94.4 लाख से अधिक परिवार गरीबी में रहते हैं, जिनकी मासिक आय 6,000 रुपये या उससे कम है।
एक महीने में 6,000 रुपये कमाई का मतलब रोजाना 200 रुपए होता है। इसे ध्यान में रखकर कृषि मजदूरों के लिए नवीनतम मजदूरी 376 रुपए प्रति दिन तय की गई। लेकिन परिवार के एक सदस्य को न्यूनतम मजदूरी हर महीने में बमुश्किल 16 दिन देने के बराबर है।
सर्वे रिपोर्ट से जुड़ी खास बातें
- रिपोर्ट के अनुसार, 94,42,786 परिवारों को उनकी कुल मासिक आय के आधार पर ‘आर्थिक रूप से गरीब’ माना जा सकता है। क्योंकि उनकी प्रतिमाह कमाई 6,000 रुपये या उससे कम है।
- अन्य 81.9 लाख परिवारों की मासिक आय 6,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच है। 50 लाख से कम परिवारों की आय 10,000 रुपये से 20,000 रुपये के बीच है।
- 27.2 लाख की आय 20,000 रुपये से 50,000 रुपये के बीच है।
- महज 10.8 लाख परिवारों की मासिक आय 50,000 रुपये से अधिक है।
12.4 लाख परिवार बोले- हम नहीं बताएंगे अपनी कमाई
रिपोर्ट में कमाई का न खुलासा करने वालों का भी जिक्र है। करीब 12.4 लाख परिवारों ने अपनी मासिक आय का खुलासा नहीं किया है।
मुसहर सबसे गरीब, इसी जाति से आते हैं पूर्व सीएम मांझी
बिहार में सबसे ज्यादा गरीब मुसहर जाति के लोग हैं। इस जाति से पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी आते हैं। इस जाति के 54.5 फीसदी लोग गरीबी रेख में आते हैं। राज्य भर में मुसहर जाति के कुल 8.7 लाख परिवार हैं। इनमें से 4.8 लाख आर्थिक रूप से गरीब की श्रेणी में आते हैं। इसके बाद भूमिहार बिरादरी है। जहां 27.58 फीसदी लोग गरीब हैं।
अनुसूचित जनजातियों (एसटी) में बिरहोर के 78% परिवार गरीब हैं। इसके बाद इसके बाद चेरो (59.6%), सौरिया पहाड़िया (56.5%) और बंजारा (55.6%) हैं। सर्वे के मुताबिक बिहार में 215 जातियां हैं। सर्वे में कुल मिलाकर करीब 13.1 करोड़ लोगों को शामिल किया गया।
नीतीश बोले- देंगे 2-2 लाख
मंगलवार को जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने के बाद विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार इन 94.4 लाख परिवारों को किसी प्रकार की नौकरी करने के लिए 2-2 लाख रुपये की सहायता प्रदान करने की योजना बना रही है।
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