---विज्ञापन---

10 मिनट में 3 महिलाओं की हत्या, कातिल की प्लानिंग देख पुलिस खा गई गच्चा; फिर छोटे से सुराग ने कैसे सुलझा दी ब्लाइंड मिस्ट्री?

Bengaluru Triple Murder Case: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 2009 में तीन महिलाओं की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। कातिल का सुराग लगाने में पुलिस के भी पसीने छूट गए थे। क्योंकि कातिल ने ऐसा कोई सुराग नहीं छोड़ा था, जिससे उसका पता लग सके। बाद में पुलिस को छोटा सा सुराग मिला था।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Jul 20, 2024 15:52
Share :
Bengaluru triple murder case
Bengaluru triple murder case

Karnataka Crime News: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु 2009 में तिहरे हत्याकांड के बाद दहल गई थी। तीन महिलाओं के शव उनके घर में मिले थे। कत्ल बेरहमी से किया गया था। पुलिस भी एक बार कातिल का सुराग ढूंढने में गच्चा खा गई थी। बेंगलुरु दक्षिण में मर्डर के बाद आरोपी ने ऐसा कोई सुराग नहीं छोड़ा था, जिससे उसका पता लग सके। तिहरे हत्याकांड से 10 दिन पहले बुजुर्ग दंपती की भी बेरहमी से हत्या की गई थी। लगातार मामले सामने आने के बाद कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे। 80 साल की महिला, उसकी बहू और बेटी को आखिर किसने मारा? इसकी जांच के लिए विशेष टीम बनाई गई थी।

10 दिन पहले हुआ था दंपती का कत्ल

पुलिस लगातार जांच करती रही। आखिर में कातिल का सुराग फोन से लग गया। कत्ल के बाद आरोपी महिला का फोन ले गया था। जिससे उसका सुराग लग गया। 20 जनवरी 2009 को तत्कालीन बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर शंकर महादेव बिदारी कानून व्यवस्था को लेकर बैठक कर रहे थे। अचानक तिहरे हत्याकांड की सूचना पुलिस को मिली। वायरलेस पर आए संदेश ने सबको चौंका दिया था। एएसवी रंगन और वसंता नामक दंपती का मर्डर 10 ही दिन पहले हुआ था। जो अनसॉल्व था। अब तिहरा हत्याकांड हो गया, वो भी इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति की कोठी से कुछ ही दूर। पुलिस कुछ समझ नहीं पा रही थी।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें:भारतीय टीम के खिलाड़ी पर रेप केस में FIR, थाने में पीड़िता बोली-खुद को बताया था एयरफोर्स सैनिक

बैठक में तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त एन नागराज उर्फ ​​मीस नागराज भी मौजूद थे, जो तुरंत मौके पर रवाना हुए। नागराज बताते हैं कि जब मौके पर पहुंचे तो भीड़ मौजूद थी। जैसे-तैसे स्थिति काबू में कर जांच की और सबूत जुटाए। लेकिन कुछ ऐसा नहीं मिला, जिससे कातिल का सुराग आसानी से लग सके। 80 वर्षीय सत्यभामा, उनकी बेटी 58 वर्षीय बेटी विजयलक्ष्मी और 45 वर्षीय बहू जयश्री का बेरहमी से गला दबाकर कत्ल किया गया था। सिर पर नारियल से वार के निशान मिले थे। सत्यभामा के बेटे की हाल ही में मौत का भी पुलिस को पता लगा।

---विज्ञापन---

13 साल का बेटा गया था स्कूल

वहीं, जयश्री का एक 13 साल का बेटा उस समय स्कूल गया था। पुलिस ने जांच की तो पता लगा कि जयश्री नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन लिमिटेड में कार्यरत थीं, लेकिन हाल ही में जॉब छोड़ दी थी। अब राजधानी की किसी निजी फर्म में नौकरी करने लगी थीं। वहीं, विजयलक्ष्मी किसी निजी स्कूल में टीचर थीं। घर का सारा सामान बिखरा था। लूट के लिए हत्या का मामला पुलिस को लग रहा था। नागराज के अनुसार पुलिस को सुराग नहीं मिला। पुलिस ने मामले में एक नौकरानी से भी पूछताछ की। जिसे हाल ही में परिवार ने नौकरी से निकाला था। लेकिन उससे भी सुराग नहीं मिला। बाद में पुलिस को कागज पर लिखा एक नंबर मिला।

यह भी पढ़ें:लुटेरी दुल्हन…2-2 लाख लेकर मुस्लिमों ने हिंदू बनकर की शादी, 7 दिन भी नहीं टिकी…भागने के लिए रचा ये हाईवोल्टेज ड्रामा

यह ऐसे व्यक्ति का था, जो इस परिवार से हाल में मिलने आया था। इस व्यक्ति ने बताया कि जब परिवार से मिलकर जाने लगा, तब एक अनजान शख्स आया था। पुलिस ने फिर जांच की तो पता लगा कि जयश्री का फोन गायब है। तत्कालीन सब इंस्पेक्टर सी निरंजन कुमार कुमार तकनीकी एक्सपर्ट थे। जिन्होंने फोन ऑन होते ही कातिल का सुराग लगा लिया। आरोपी मैसूर बैंक के पास था। उसने जयश्री का सिम निकाल अपना डाला था। पुलिस ने शिवमोगा जिले के भद्रावती तालुक के कलनाकट्टे गांव के 26 वर्षीय गोविंद राज अरेस्ट कर मामला सुलझाया था। आरोपी हत्या के बाद पीन्या में अपने दोस्त के घर चला गया था। अगले दिन अपने पैतृक गांव जाकर वहां लूटे गए सोने के गहने गिरवी रखे थे।

जयश्री के साथ आरोपी की दोस्ती थी

शिवमोगा में कुछ दिन बिताने बाद आरोपी कन्नड़ जिले के कटील चला गया था। बाद में पुलिस को काफी दिन छकाता रहा। जब उसे कटील से दबोचा गया, वह मुंबई भागने की फिराक में था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार आरोपी ने सिर्फ 10 मिनट में 3 मर्डर किए थे। आरोपी गोविंद राज चाट बनाने में माहिर था, जो तिलक नगर में मंदिर के पास पड़ते एक रेस्टोरेंट में काम करता था। यह रेस्टोरेंट जयश्री के दफ्तर के पास था। उसकी गोविंद राज से नजदीकी हो गई थी।

यह भी पढ़ें:हाईवे पर मची टमाटरों की लूट, ड्राइवर रोकता रहा; लोग कैरेट-बोरियां भरकर भागते रहे

नागराज घर आया, तब जयश्री सोने गई थी। सत्यभामा सोने वाली थी, गोविंद ने पहले उसका गला घोंटा। फिर सिर पर नारियल से वार किया। बाद में उसी तरीके से जयश्री का मर्डर किया। इसके बाद आरोपी ने अलमारी से साड़ियां और गहने इकट्ठा किए। विजयलक्ष्मी उस समय बाहर थी, जो मौके पर आ गई। आरोपी ने सेम पैटर्न से उसका भी मर्डर कर दिया। बाद में 10 लाख के गहने लेकर भाग गया। पुलिस ने मामले में 52 गवाह और 123 सबूत कोर्ट में पेश किए थे। 21 जुलाई 2014 को बेंगलुरु की एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी को मौत की सजा सुनाई थी।

यह भी पढ़ें:जिंदल स्टील के अधिकारी ने महिला को फ्लाइट में दिखाए अश्लील वीडियो! भड़के नवीन जिंदल ने कही ये बात

HISTORY

Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Jul 20, 2024 03:52 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें