बेंगलुरु एयरपोर्ट की लिफ्ट में काफी देर तक बुजुर्ग फंसे रहे। बुजुर्ग के साथ मौजूद उनकी बेटी ने जब मदद मांगने की कोशिश की तो वह परेशान हो गई, क्योंकि वह किसी को कॉल नहीं कर पा रही थी। केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बेटी के साथ बुजुर्ग दंपत्ति परिवार के एक सदस्य को छोड़ने गए थे, लेकिन जब वे लिफ्ट से नीचे आने लगे, तो अचानक झटके के साथ लिफ्ट बंद हो गई।
परिवार की सदस्य मैकलीन फर्नांडीज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस घटना के बारे में लिखा। हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए मैकलीन फर्नांडीज ने कहा कि यह एक “डरावना” अनुभव था, खासकर तब जब लिफ्ट खतरनाक तरीके से हिल रही थी। इससे भी डरावनी बात यह थी कि लिफ्ट के अंदर कोई फोन नहीं था और मदद के लिए लिफ्ट में लगे नंबर पर फोन ही नहीं लग रहा था।
बार-बार फोन करने पर…
इसके बाद टर्मिनल मैनेजर के नंबर पर बार-बार फोन करने पर जवाब नहीं दिया गया, लेकिन उनकी शिकायत को बेहद हल्के में लिया गया और कहा गया कि “हम इसकी जांच कर रहे हैं, बिजली की कटौती हुई है।” उन्होंने यह भी नहीं बताया कि बिजली कितनी देर में आएगी और लिफ्ट कब चालू हो पाएगी।
@BLRAirport Thanks for the call. Mr. Guru was probably the only professional who empathised and spoke to me with courtesy about the situation. The least I expect in a place like T2 is uninterrupted lift service. How can you have a lapse/break in power supply for an elevator?
---विज्ञापन---— Macqueline Fernandez (@Macqueline1) April 8, 2025
लिफ्ट में नहीं था कोई फोन
मैकलीन फर्नांडीज ने कहा, “मैं अपने मां-बाप को समझाने और शांत करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वास्तव में मुझे खुद ही डर लग रहा था।” वह इस बात को लेकर चिंतित थीं कि कब कोई मदद के लिए आएगा और लिफ्ट में कोई टेलीफोन भी नहीं था। फोन नहीं होने पर कई समस्याएं हो रही थीं।
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करीब 15 मिनट बाद लिफ्ट चलनी शुरू हुई। परिवार बाहर निकला तो किसी तरह की सहानुभूति नहीं मिली और ना ही बुजुर्ग के बारे में पूछा गया। जब परिवार के लोग लिफ्ट से बाहर निकले तो वहां एक तकनीशियन और दो सुरक्षा गार्ड खड़े थे। गार्ड और तकनीशियन ने यह भी नहीं पूछा कि परिवार कैसा है। हालांकि, बाद में एयरपोर्ट की तरफ से एक कॉल करके माफी मांगी गई।