Balakot Strikes Anniversary: चार साल पहले भारतीय वायु सेना (IFA) ने एक ऐसे मिशन को अंजाम दिया था, जो पहले कभी नहीं किया गया था। ‘ऑपरेशन बंदर’ के तहत एयरफोर्स ने पाकिस्तान के अंदर बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर बमबारी कर 21 मिनट में 200 आतंकियों को मार गिराया था।
14 फरवरी 2019 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों को ले जा रही एक बस पर आत्मघाती हमला का बदला लेने के लिए IFA की ओर से ये ऑपरेशन चलाया गया था। बता दें कि आतंकियों के हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। ये आत्मघाती हमला जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुआ था। इस दौरान सीआरपीएफ जवानों का दल जम्मू से श्रीनगर जा रहा था।
हमले के बाद देशवासियों ने की थी बदला लेने की मांग
CRPF जवानों पर हुए आत्मघाती हमले और बड़ी संख्या में शहीदों की संख्या को देखकर देशवासियों ने भारत सरकार से बदला लेने का मांग की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों को हमले के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ उचित जवाब देने की हरी झंडी दे दी थी।
पुलवामा में आत्मघाती हमले के सिर्फ 12 दिनों के बाद 26 फरवरी 2019 को IAF ने बालाकोट में JeM के आतंकी शिविरों पर जमकर बमबारी की। ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन बंदर’ नाम दिया गया था और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद भारतीय वायु सेना द्वारा नियंत्रण रेखा पार करने का यह पहला मौका था।
मिशन को इसलिए दिया गया था ‘ऑपरेशन बंदर’ का नाम
पूरे ऑपरेशन को अत्यंत गोपनीयता के साथ अंजाम दिया गया और शीर्ष रक्षा अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि योजना दुश्मन तक न पहुंचे। इस ऑपरेशन को नाम देने का कारण महाकाव्य रामायण था जहां भगवान हनुमान ने रावण की लंका में प्रवेश किया और वहां कहर बरपाया।
26 फरवरी, 2019 को (Balakot Strikes Anniversary) 12 IAF मिराज 2000 फाइटर जेट्स ने कई स्थानों से अपने ऑपरेशन के लिए उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना के पायलटों ने इजरायली निर्मित स्पाइस 2000 बम गिराए जो बालाकोट में उन इमारतों की छतों में गिरे जहां आतंकवादी छिपे हुए थे। आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप पर इस ऑपरेशन को सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर अंजाम दिया गया था। ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद भारतीय वायुसेना के जेट सुरक्षित अपने ठिकानों पर लौट आए थे।
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एयर स्ट्राइक के बाद क्या हुआ?
पाकिस्तानी वायु सेना ने अगले दिन 27 फरवरी, 2019 को जम्मू के राजौरी सेक्टर में अपने लड़ाकू विमानों को भारतीय क्षेत्र में भेजकर जवाब दिया। इसके परिणामस्वरूप भारतीय वायुसेना के एक जवाबी कार्रवाई हुई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों वायु सेनाओं के बीच हवाई लड़ाई हुई। तत्कालीन विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने मिग-21 से पाकिस्तान एयर फोर्स के अमेरिकी निर्मित F-16 फाइटर जेट को मार गिराया।
भारत ने अपना मिग -21 बाइसन भी खो दिया, जिसके परिणामस्वरूप विंग कमांडर वर्धमान को पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया। बाद में भारत और दुनिया के कूटनीतिक दबाव ने पाकिस्तान को भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर को रिहा करने के लिए मजबूर किया। इसके बाद अभिनंदन को F-16 को मार गिराने के लिए भारत के युद्धकालीन वीरता पुरस्कार वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
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