Ayushman Bharat Health and Wellness Centers renamed: केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम बदलकर ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ करने का फैसला किया है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस साल के अंत तक रीब्रांडिंग अभ्यास को लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पत्र भी भेजा है। साथ ही मंत्रालय ने राज्यों से आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) पोर्टल पर रीब्रांडेड प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की तस्वीरें अपलोड करने को कहा है।
Centre to rename the Ayushman Bharat-Health and Wellness Centres as 'Ayushman Arogya Mandir', the Union Health Ministry has sent a letter to the states and Union territories to rename the health and wellness centres. pic.twitter.com/A9DaSqvJn9
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) November 26, 2023
आयुष्मान भारत के सपने को साकार करने के लिए लिया गया फैसला
25 नवंबर को लिखे पत्र में मंत्रालय ने कहा कि ये केंद्र सोच और स्वास्थ्य सेवा वितरण को बीमारी से कल्याण तक ले जाने में सफल रहे हैं, जिसके बाद अब एक कदम आगे बढ़ते हुए और आयुष्मान भारत के सपने को साकार करने के लिए सक्षम प्राधिकारी ने नाम बदलने का फैसला किया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों को ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ के रूप में एक नई टैगलाइन भी होगी- ‘आरोग्यम परमं धनम्’।
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पत्र में कहा गया है कि नया नाम ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ और टैगलाइन ‘आरोग्यम परमं धनम्’ को सभी संचालित एबी-एचडब्ल्यूसी में मौजूदा शीर्षक ‘आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र’ की जगह लेना चाहिए। वहीं, यदि ब्रांडिंग के लिए देवनागरी (हिंदी)/अंग्रेजी के अलावा अन्य लिपियों का उपयोग किया जाना है, तो पूर्ण और सटीक शीर्षक का राज्य भाषाओं में अनुवाद किया जा सकता है लेकिन, टैगलाइन को राज्य भाषाओं में लिप्यंतरित किया जाना चाहिए।
नए नाम के साथ नई तस्वीरें अपलोड करनी होंगी
वहीं, केंद्रों द्वारा रीब्रांडिंग पूरी करने के बाद, राज्यों को एबी-एचडब्ल्यूसी पोर्टल पर नए नाम के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की नई तस्वीरें अपलोड करनी होंगी। भारत सरकार की प्रमुख आयुष्मान भारत योजना के तहत, विगत पांच वर्षों में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 1.6 लाख से अधिक एबी-एचडब्ल्यूसी सफलतापूर्वक स्थापित किए गए हैं, जिनमें अब तक 219 करोड़ लोग आए हैं। दरअसल, एबी-एचडब्ल्यूसी का लक्ष्य व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना है, जिसमें मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं और एबी-एचडब्ल्यूसी के माध्यम से लोगों के घरों के नजदीक मुफ्त आवश्यक दवाएं और नैदानिक सेवाएं शामिल हैं।