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सिक्किम में सेना के इंजीनियर बने ‘देवदूत’, 48 घंटे में बनाया 150 फीट ऊंचा सस्पेंशन ब्रिज

Army built Suspension Bridge in 48 Hours: सिक्किम में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। इस कारण चीन की सीमा पर बसे गांवों का संपर्क टूट गया है। इसके बाद सेना के इंजीनियर लोगों के लिए आगे आए और 48 घंटे में 150 फीट ऊंचा सस्पेंशन ब्रिज बना दिया।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Jun 24, 2024 07:43
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Army built Suspension Bridge in Sikkim
उत्तरी सिक्किम में पुल बनाने सेना के इंजीनियर

 Army built Suspension Bridge in 48 Hours: सिक्किम में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। नदियां उफान पर हैं। सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं जो बची है वो तालाब बन गई हैं। कई जगहों पर भूस्खलन के कारण रास्ते बंद हो गए हैं। भारी बारिश के कारण कुछ इलाकों से संपर्क पूरी तरह टूट चुका है। सीमावर्ती गांवों का संपर्क टूट गया है। इस बीच सेना के इंजीनियर देवदूत बनकर सामने आए हैं।

भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर के इंजीनियरों ने उत्तरी सिक्किम में 150 फीट का सस्पेंशन पुल बनाया है। सेना के इंजीनियरों ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हुए 48 घंटे से भी कम समय में तेज बहाव वाली नदी पर पैदल यात्री सस्पेंशन पुल बनाया है। इस पुल की मदद से सीमावर्ती गांवों को फिर से जोड़ा जा सकेगा। इसके बाद अब लोग आसानी ने नदी पार कर एक छोर से दूसरे छोर तक आ जा सकेंगे। इससे पहले भी सेना के जवानों ने बाढ़ में फंसे सैकड़ों पर्यटकों को बचाने के लिए एक बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था।

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गृहमंत्री अमित शाह ने की बैठक

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मानसून के दौरान सिक्किम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में विभिन्न हिस्सों में आने वाली बाढ़ से निपटने के लिए एक समीक्षा बैठक की। जानकारी के अनुसार माॅनसून के दौरान नदियों में जलस्तर बढ़ जाने से पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बाढ़ आती है। मानसून के दौरान सिक्किम, असम, मेघालय और त्रिपुरा जैसे राज्यों में बाढ़ का पानी फैल जाता है। इससे निपटने के लिए जरूरी इंतजाम और तैयारियों को पुख्ता करने के लिए गृह मंत्री ने सभी स्टेक होल्डर्स के साथ यह बैठक की थी।

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पूर्वोत्तर में बनाए जाएंगे 50 बड़े तालाब

बता दें कि पिछले कुछ सालों में ग्लेशियर और झीलों के फटने से अचानक आई बाढ़ के कारण कई लोगों की मौतें हुई हैं। सैकड़ों लोगों को विस्थापित होना पड़ता है। सिक्किम और उत्तराखंड में संचार लाइनें और सड़क नेटवर्क बाधित हुए हैं। इस दौरान बाढ़ विशेषज्ञों ने ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को मोड़ने के लिए पूर्वोत्तर में कम से कम 50 बड़े तालाब बनाने का सुझाव दिया है।

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Written By

Rakesh Choudhary

First published on: Jun 24, 2024 07:43 AM

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