New Parliament House Architect: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद की नई बिल्डिंग का विधिवत उद्घाटन कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से नई संसद भवन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जो अपनी भव्यता को दिखा रहे हैं। क्या आपको पता है कि नवनिर्मित संसद के त्रिकोणीय ढांचे के पीछे कौन हैं? दरअसल, उनका नाम बिमल हसमुख पटेल हैं, जो काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, साबरमती रिवरफ्रंट का भी डिजाइन तैयार किया है।
बिमल हसमुख पटेल प्रतिष्ठित आर्किटेक्ट हैं जिन्हें 30 साल से ज्यादा अनुभव है। उन्हें शहरी नियोजन और डिजाइन में विशेषज्ञता हासिल है। पटेल वर्तमान में अहमदाबाद में सीईपीटी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। वे एक वास्तुकला, योजना और परियोजना प्रबंधन फर्म HCP डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड का नेतृत्व करते हैं। उनके पिता हसमुख सी. पटेल ने 1960 में HCP डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की थी।
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अहमदाबाद के सेंट जेवियर्स के छात्र रहे हैं बिमल पटेल
सेंटर फॉर एनवायरनमेंटल प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीईपीटी) में स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर में दाखिला लेने से पहले बिमल पटेल ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अहमदाबाद के सेंट जेवियर्स हाई स्कूल, लोयोला हॉल में पूरी की। उन्होंने अमेरिका में यूसी बर्कले से पीएचडी प्राप्त की। 1990 में बिमल ने अपने पिता हसमुख पटेल के लिए काम करना शुरू किया था।
35 से अधिक वर्षों के अनुभव वाले गुजरात स्थित वास्तुकार ने न केवल देश की नई संसद तैयार की है बल्कि साबरमती रिवरफ्रंट विकास परियोजना सहित कई प्रतिष्ठित निर्माण परियोजनाओं के साथ अपना नाम भी जोड़ा है। वास्तुकला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए 2019 में पद्म श्री के अलावा बिमल पटेल ने 1992 में आगा खान पुरस्कार, 1998 में संयुक्त राष्ट्र मानव बस्तियों के उत्कृष्टता पुरस्कार, 2001 में विश्व वास्तुकला पुरस्कार, 2006 में शहरी नियोजन और डिजाइन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता।
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