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Amritpal Surrender: अमृतपाल को क्यों भेजा डिब्रूगढ़? जानें 162 साल पुरानी जेल के बारे में सबकुछ

Amritpal Surrender: भगोड़ा अमृतपाल सिंह को रविवार गिरफ्तार कर लिया गया है। पंजाब पुलिस ने मोगा गुरुद्वारे से उसे गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल गुरुद्वारे में प्रवचन दे रहा था। अब उसे बठिंडा एयरपोर्ट से फ्लाइट के जरिए असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया जा रहा है। पुलिस पंजाब के लोगों से […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Apr 23, 2023 11:52
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Amritpal Surrender

Amritpal Surrender: भगोड़ा अमृतपाल सिंह को रविवार गिरफ्तार कर लिया गया है। पंजाब पुलिस ने मोगा गुरुद्वारे से उसे गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल गुरुद्वारे में प्रवचन दे रहा था। अब उसे बठिंडा एयरपोर्ट से फ्लाइट के जरिए असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया जा रहा है। पुलिस पंजाब के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है।

डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल क्यों किया शिफ्ट?

अमृतपाल के करीबी पप्पलप्रीत सिंह को भी डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में रखा गया है। हाल ही में पप्पलप्रीत सिंह की गिरफ्तारी हुई थी। इसी के बाद से माना जा रहा था कि अमृतपाल जल्द ही सरेंडर कर सकता है या पुलिस उसे पकड़ सकती है। हालांकि अब अमृतपाल ने खुद सरेंडर किया है। अमृतपाल के ग्रुप के लोगों को पंजाब से बाहर भेजने की वजह खुफिया एजेंसी का अलर्ट बताया जाता है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने संभावित जेल ब्रेक और 11 मार्च को अजनाला की घटना को दोहराने पर चिंता जताई थी।

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1859-60 में बनी है डिब्रूगढ़ जेल

1859-60 में बनी डिब्रूगढ़ जेल को असम का सबसे सुरक्षित जेल माना जाता है। ये पूर्वोत्तर की का भई सबसे पुराना जेल है। इस जेल का इस्तेमाल यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-I) के कई शीर्ष नेताओं को रखने के लिए किया जाता था।

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अमृतपाल की जेल में कौन-कौन बंद

डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल के चाचा, एक फाइनेंसर, एक मीडिया सलाहकार और सुरक्षा गार्ड सहित कुल नौ सहयोगी हैं। पापलप्रीत सिंह, दलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह उर्फ बाजेके, गुरमीत सिंह बुक्कनवाल, बसंत सिंह दौलतपुरा, हरजीत सिंह, वरिंदर सिंह उर्फ फौजी, वरिंदर सिंह और गुरिंदर पाल सिंह असम की सेंट्रल जेल में बंद हैं।

अमृतपाल के लगभग सभी सहयोगियों की आपराधिक पृष्ठभूमि है और वे पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू के पूर्व समर्थक हैं, जिन्होंने ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन बनाया था, जिसका अब अमृतपाल नेतृत्व कर रहा है। बता दें कि फरवरी 2022 में दीप सिद्धू की दिल्ली के पास एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

जेल में बढ़ाई गई सुरक्षा

अधिकारियों ने कहा कि डिब्रूगढ़ जेल में खालिस्तानी कट्टरपंथियों को रखा गया है। जेल परिसर और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है और बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था शुरू की गई है। अधिकारियों ने बताया कि जिस सेल में अमृतपाल के सहयोगियों को रखा गया है, वहां सुरक्षा के कई स्तर हैं।

24 घंटे CRPF की निगरानी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीआरपीएफ के जवान चौबीसों घंटे जेल की रखवाली कर रहे हैं। असम पुलिस के कमांडो भी सुरक्षा व्यवस्था संभालते हैं। 57 सीसीटीवी कैमरे जेल के अंदर कैदियों और जेल गेट पर आगंतुकों की आवाजाही पर नजर रखते हैं।

एक अन्य जेल अधिकारी ने दावा किया कि अन्य जेलों के विपरीत, डिब्रूगढ़ जेल कैदियों का बेहतर तरीके से प्रबंधन करती है। 680 कैदियों को रखने की क्षमता होने के बावजूद 430 से कम कैदी हैं।

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Written By

Gyanendra Sharma

First published on: Apr 23, 2023 11:50 AM
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