Amritpal Singh in Dibrugarh jail: ‘वारिस पंजाब दे’ का चीफ और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल को असम के डिब्रूगढ़ जेल में हाई सिक्योरिटी वाले आइसोलेशन सेल में रखा गया है। उस पर सीसीटीवी से निगरानी रखी जा रही है। इस जेल में अमृतपाल के 9 साथी भी बंद हैं। जेल प्रशासन ने ऐसा इंतजाम किया है कि उनकी मुलाकात भी नहीं हो सकेगी। कागजी कार्रवाई के बाद खुफिया एजेंसियां उससे पूछताछ में जुट गई हैं। अमृतपाल सिंह 18 मार्च से पंजाब पुलिस से बच रहा था।
जेल के सीनियर अधिकारी ने बताया कि अमृतपाल को उसके साथियों से दूर एक अलग सेल में रखा गया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) और अन्य केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की एक टीम अमृतपाल से पूछताछ करने के लिए डिब्रूगढ़ जेल जल्द पहुंचेगी।
अमृतपाल से उसके मददगारों, फंडिंग आदि के बारें में सवाल किए जाएंगे। खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान और अन्य देशों में बैठे भारत विरोधी लोगों से उसके संबंधों की जानकारी मिली है।
जेल के बाहर अर्धसैनिक बल मुस्तैद
असम पुलिस को जेल परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी करने और जेल में आने वाले लोगों की पूरी तरह से तलाशी लेने और उनके विवरण को रिकॉर्ड में रखने के लिए कहा गया है। राज्य पुलिस के अलावा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) को भी जेल के बाहर तैनात किया गया है।
36 दिन बाद मोगा जिले से गिरफ्तार हुआ अमृतपाल
अमृतपाल 36 दिन बाद रविवार सुबह मोगा जिले के एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया। उसने गिरफ्तारी से पहले गुरुद्वारे में उपदेश भी दिया था। पंजाब पुलिस की एक टीम उसे चार्टर्ड प्लेन से डिब्रूगढ़ ले गई। जहां मेडिकल परीक्षण के बाद उसे एक कोठरी में रखा गया है।
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