Amit Shah On Jammu-Kashmir: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि विधानसभा चुनावों के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय के बारे में फैसला चुनाव आयोग करेगा।
न्यूज एजेंसी ANI से विशेष इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति में सुधार हुआ है और आतंकवाद से संबंधित आंकड़े सबसे कम हैं। शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित धारा 370 ने देश को नुकसान पहुंचाया था। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से विकास हो रहा है। आतंकवाद धीरे-धीरे खत्म हो रहा है, आंकड़े देखिए, जम्मू-कश्मीर में काफी बदलाव आया है।
जम्मू-कश्मीर में नए नेतृत्व के सवाल पर शाह ने दिया ये जवाब
जम्मू-कश्मीर में नए नेतृत्व के उभरने का उल्लेख करने वाले अपने पहले के बयान के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि स्थानीय निकायों से नया नेतृत्व उभरेगा जहां पहले चुनाव हुए थे। उन्होंने कहा कि जो पंच और सरपंच चुने गए हैं, उनसे नया नेतृत्व सामने आएगा… जब से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद शुरू हुआ है, आतंकवाद से संबंधित आंकड़े आज सबसे कम हैं। करोड़ों पर्यटक और यात्री जम्मू-कश्मीर का दौरा कर रहे हैं। ये एक बड़ा बदलाव है।
शाह बोले- अनुच्छेद 3710 हटाना भाजपा और संघ के एजेंडे में रहा है
शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना भाजपा और जनसंघ के एजेंडे में रहा है। उन्होंने अनुच्छेद 370 के संदर्भ में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का भी जिक्र किया। शाह ने कहा कि 1950 से जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाना हमारे एजेंडे में था। आज जम्मू-कश्मीर जिस तरह से विकास और आतंकवाद में कमी देख रहा है, वह दिखाता है कि परिवर्तन आ रहे हैं।
शाह ने कहा कि भाजपा की आलोचना करने वालों को जवाब देना चाहिए कि किसके कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ा। उन्होंने कहा, ”जहां तक चुनावों का सवाल है, क्या उन्हें स्थानीय निकाय चुनाव याद नहीं हैं, ये हमारे शासन में हुए थे, ये 70 साल तक नहीं हुए। जम्मू-कश्मीर में तीन परिवारों का दबदबा था और वे शोर मचा रहे हैं। शाह ने ये भी कहा कि किसके कार्यकाल में आतंकवाद बढ़ा, किसने इसे बढ़ने दिया, इसका जवाब होना चाहिए।
वामपंथी उग्रवाद से सरकार निपटने में कामयाब रही है: अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से संबंधित घटनाओं में सुरक्षा बलों के हताहत होने में कमी आई है। पिछले 9 वर्षों में, बिहार और झारखंड से वामपंथी उग्रवाद लगभग समाप्त हो गया है और छत्तीसगढ़ में शून्य भर रह गया है। 20 वर्षों में पहली बार, स्थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों की कुल हताहतों की संख्या 100 से नीचे चली गई है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।
अलगाववादियों और खालिस्तानी गतिविधियों पर सरकार की नजर: अमित शाह
देश के बाहर अलगाववादियों और खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों और गड़बड़ी पैदा करने की उनकी कोशिशों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों के बीच अच्छा समन्वय है। हमने इस पर कड़ी नजर रखी है, पंजाब सरकार के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा की है। अमित शाह ने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम इसे फलने-फूलने नहीं देंगे। शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर के 60 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम को हटा दिया गया है।