Lok Sabha Elections 2024: गृह मंत्री अमित शाह का एडिट वीडियो सर्कुलेट करने के मामले में दिल्ली पुलिस एक्शन मोड में आ गई है। सूत्रों से पता लगा है कि आईएफएसओ यूनिट की ओर से 7 से 8 राज्यों में 16 लोगों को सम्मन जारी किए गए हैं। इन लोगों को धारा 91, 160 के तहत पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाया गया है। सीआरपीसी 160 के तहत पुलिस मामले की जांच के लिए आरोपी को नोटिस जारी कर सकती है। सीआरपीसी 91 के तहत मामले से जुड़ा कोई दस्तावेज प्रस्तुत करना होता है। जिन लोगों को सम्मन जारी किया गया है, उनमें तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी का भी नाम है। इसके अलावा तेलंगाना के ही 5 कांग्रेस कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हैं।
Shame on Congress Party. I strongly condemn Congress for spreading a fake & edited video. Home Minister @AmitShah ji's words have been twisted. Misleading the public is a disservice to democracy. This irresponsible behaviour has the potential to disrupt peace. pic.twitter.com/47seqGvNH2
---विज्ञापन---— Kiren Rijiju (मोदी का परिवार) (@KirenRijiju) April 29, 2024
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इन सभी लोगों को पूछताछ के लिए 1 मई को बुलाया गया है। दिल्ली की द्वारका स्थित आईएफएसओ यूनिट के पास जांच में शामिल होने के लिए कितने आरोपी आते हैं, यह देखने वाली बात होगी? पुलिस के पास कितने लोग ईमेल से जवाब भेजते हैं? इसके बाद ही जांच आगे बढ़ पाएगी। वहीं, सभी लोगों को अपना मोबाइल और लैपटॉप भी साथ लाने को कहा गया है। मामले में असम पुलिस ने एक आरोपी रितम सिंह को अरेस्ट किया है। सूत्रों से पता लगा है कि अभी आरोपी की कस्टडी दिल्ली पुलिस नहीं लेगी।
Notices issued to three people from @INCIndia by #DelhiPolice at Hyderabad Gandhi Bhavan on complaint by union home ministry that Congress leaders have created fake video of Union Home minister @AmitShah where he is wrongly shown to have announced scrapping quota for SC, ST, OBC pic.twitter.com/MacksNmkdF
— Uma Sudhir (@umasudhir) April 29, 2024
फर्जी वीडियो में थी आरक्षण खत्म करने की बात
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मीडिया में गृह मंत्री अमित शाह का एक फर्जी वीडियो वायरल होने का मामला सामने आया था। जिसके बाद दिल्ली की साइबर सेल यूनिट ने जांच शुरू की थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही उस अकाउंट का पता लगाने की कोशिश की गई थी, जहां से वीडियो वायरल किया गया था। वीडियो में दिख रहा था कि गृह मंत्री आरक्षण खत्म करने की बात कर रहे हैं। यह सब फर्जी था। किसी ने एडिट वीडियो अपलोड किया था। माना जा रहा है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल मामले में और भी गिरफ्तारियां कर सकती हैं।